नयी दिल्ली : भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पाकिस्तान के साथ एक से 31 अक्तूबर तक द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलने के कारण छह अंक काट दिये जाने से भारतीय क्रिकेट बोर्ड के शशांक मनोहर की अगुवाई वाली आईसीसी के साथ संबंध और कडवे हो गये हैं. महिला क्रिकेटरों को नियमों का हवाला देकर ‘आसान निशाना’ बनाये जाने के विरोध में संभावना है कि भारत की पुरुष टीम अगले साल इंग्लैंड में होने वाली चैंपियन्स ट्राफी में नहीं खेले.
Indian Women’s Cricket team to forfeit their three Round 6 games of the ICC Women’s Championship 2014-16 against Pakistan Women: ICC
— ANI (@ANI) November 23, 2016
आईसीसी के रवैये से बीसीसीआई नाराज है और और उसने इस वैश्विक संस्था में विरोध दर्ज कराया जो इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी द्विपक्षीय श्रृंखला के लिये सरकर की मंजूरी जरुरी होती है. आईसीसी के भारतीय चेयरमैन इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं. बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘‘आईसीसी इससे अच्छी तरह वाकिफ है कि वर्तमान परिस्थितियों में जबकि भारतीय सैनिक शहीद हो रहे हैं तब पाकिस्तान के खिलाफ खेलना संभव नहीं है.
चेयरमैन को अच्छी तरह से पता है कि हमारे लिये सरकार से मंजूरी लेना जरूरी है. ” उन्होंने कहा, ‘‘गुप्त मकसद से उठाया गया यह कदम पाकिस्तान के हाथों में खेलने की कोशिश है. वे कहेंगे कि यदि महिला खेल सकती है तो पुरुष टीम भी खेल सकती है. यदि आईसीसी ने अपना फैसला नहीं बदला तो हमारी पुरुष टीम भी महिला टीम के साथ है और वे चैंपियन्स ट्राफी में नहीं खेलेगी. ”