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श्रीनिवासन ने कहा,मेरा प्रयास तीनों प्रारुपों को समान महत्व देना है

नयी दिल्ली : बीसीसीआई अध्यक्ष और आईसीसी के भावी चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उनकी मुख्य प्राथमिकता क्रिकेट के तीनों प्रारुपों को समान रुप से महत्वपूर्ण बनाना होगी.अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) बोर्ड ने पिछले शनिवार को ढांचागत और वित्तीय सुधार पारित किये जिससे भारत की शक्तियां बढ़ गयी और श्रीनिवासन […]

नयी दिल्ली : बीसीसीआई अध्यक्ष और आईसीसी के भावी चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उनकी मुख्य प्राथमिकता क्रिकेट के तीनों प्रारुपों को समान रुप से महत्वपूर्ण बनाना होगी.अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) बोर्ड ने पिछले शनिवार को ढांचागत और वित्तीय सुधार पारित किये जिससे भारत की शक्तियां बढ़ गयी और श्रीनिवासन के लिये जुलाई से आईसीसी बोर्ड की अध्यक्षता करने का रास्ता भी साफ हो गया. पारित प्रस्ताव के अनुसार जो नई कार्यकारी समिति गठित होगी उसे बोर्ड को रिपोर्ट करना होगा.

इस कार्यकारी समिति के शुरुआती अध्यक्ष क्रिकेट आस्ट्रेलिया के वाली एडवर्डस होंगे जबकि ईसीबी के जाइल्स क्लार्क वित्त एवं व्यावसायिक कल्याण समिति के अध्यक्ष बने रहेंगे. श्रीनिवासन ने आज कहा, ‘‘मेरे लिये तीनों प्रारुप समान रुप से महत्वपूर्ण है. हमारा प्रयास सभी तीनों प्रारुपों को समान रुप से आगे बढ़ाना है क्योंकि खेल के विकास के लिये यह जरुरी है. ’’ प्रस्ताव की कुछ प्रमुख विशेषताओं में खेल के पारंपरिक प्रारुप के बचाव के लिये टेस्ट क्रिकेट कोष का गठन करना, एसोसिएट सदस्यों को टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका प्रदान करना, पूर्णकालिक सदस्यों के लिये नया वित्तीय ढांचा और प्रमुख एसोसिएट सदस्यों को अधिक सहयोग प्रदान करना हैं.

श्रीनिवासन ने कहा कि नई व्यवस्था से सदस्य देशों को अधिक फायदा होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि नया प्रस्ताव विश्व क्रिकेट में स्थिरता लाने के लिये रास्ता बनाएगा. क्रिकेट खेलने वाले देशों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिये नया प्रस्ताव बहुत जरुरी था. इससे सदस्य देशों के लिये अधिक आय उत्पन्न होगी. यह ढांचागत बदलाव जरुरी था. हमें एफटीपी (भविष्य का दौरा कार्यक्रम) को अधिक जीवंत बनाने के लिये इसे फिर से परिभाषित करने की जरुरत थी. ’’ पाकिस्तान, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका ने प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था लेकिन शनिवार को कार्यकारी बोर्ड की बैठक में आईसीसी के दस पूर्णकालिक सदस्य देशों में आठ का समर्थन मिलने से आईसीसी इसे पारित करवाने में सफल रही.

बैठक के दौरान दक्षिण अफ्रीका ने इसके पक्ष में मतदान किया जबकि श्रीलंका और पाकिस्तान ने मतदान में भाग नहीं लिया. श्रीनिवासन ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि श्रीलंका क्रिकेट : एसएलसी : समझे कि क्रिकेट के खेल के लिये क्या महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका क्रिकेट संप्रभु संस्था है और वह अपने फैसले कर सकती है लेकिन मेरा मानना है कि उन्हें यह समझना चाहिए कि खेल के फायदे के लिये क्या जरुरी है. ’’ श्रीनिवासन ने मतदान नहीं करने के श्रीलंका के फैसले पर सीधा जवाब दिया लेकिन उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के रवैये पर टिप्पणी नहीं की. उन्होंने पीसीबी अध्यक्ष पद पर लगातार हो रही अदलाबदली के संदर्भ में कहा, ‘‘देखो, मैं उनके अंदरुनी मसलों पर बात नहीं करना चाहता लेकिन उनके प्रशासनिक ढांचे में काफी बदलाव हुए हैं.’’

आईसीसी से हटकर बीसीसीआई पर बात करने पर बोर्ड प्रमुख ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच की दूसरी पारी में अजिंक्य रहाणो के खिलाफ दिये गये फैसले पर नाखुशी व्यक्त की. रहाणो को तब पगबाधा आउट दे दिया गया था जबकि गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर पैड पर लगी थी. यह फैसला आखिर में निर्णायक साबित हुआ और न्यूजीलैंड यह मैच 40 रन से जीतने में सफल रहा. बीसीसीआई अध्यक्ष हालांकि अब भी यह स्वीकार करने के लिये तैयार नहीं है कि डीआरएस अपनाने से समस्या का समाधान हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि एक फैसला दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन डीआरएस के संबंध में हमारा रवैया तर्कसंगत है. मैं नहीं मानता कि बाल ट्रैकर और हाट स्पाट दोनों फुलप्रूफ हैं. ’’ श्रीनिवासन ने गुरुनाथ मयप्पन से जुड़े किसी सवाल का जवाब नहीं दिया क्योंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है.

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