नयी दिल्ली : अपने विवादित बयानों और ट्वीट के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजमार्कंडेकाटजू ने एक और विवादास्पद बयान दे दिया है. इस बार उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को लेकर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से चयनित लोढ़ा पैनल की सुधारवादी सिफारिशों को लेकर बैकफुट पर खड़ी […]
नयी दिल्ली : अपने विवादित बयानों और ट्वीट के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजमार्कंडेकाटजू ने एक और विवादास्पद बयान दे दिया है. इस बार उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को लेकर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से चयनित लोढ़ा पैनल की सुधारवादी सिफारिशों को लेकर बैकफुट पर खड़ी बीसीसीआई को लेकर काटजू ने कहा, बीसीसीआई अधिकारी ऐसे नहीं मानेंगे. उन्हें नंगा कर खंभे से बांधकर 100 कोड़े मारना चाहिए.
दरअसल काटजू ने उस मामले पर ट्वीट किया जब आज सुबह खबर आयी कि लोढ़ा समिति के निर्देश पर बैकों ने बीसीसीआई के खातों को फ्रीज कर दिया है. इस पर काटजू ने कहा, यह बर्ताव काफी नहीं है, ऐसे नहीं मानेंगे. लोढ़ा को चाहिए कि वह बीसीसीआई अधिकारियों को नंगा कर खंभे से बांधकर 100 कोड़े लगाएं.
* लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर बीसीसीआई ने काटजू को बनाया है सलाहकार
बीसीसीआई ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति मार्कंडे काटजू को आज चार सदस्यीय कानूनी पैनल का प्रमुख नियुक्त किया जो बोर्ड को न्यायाधीश लोढ़ा समिति के सुधारों से होने वाले प्रभावों को समझने में मदद करेंगे जिन्हें शीर्ष अदालत ने अनिवार्य कर दिया है.
* लोढा समिति की सिफारिशों को गैरकानूनी और असंवैधानिक बता चुके हैं काटजू
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने बीसीसीआई में सुधारवादी कदमों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निशाना साधते हुए सुधारवादी कदमों को ‘असंवैधानिक और गैरकानूनी’ करार दिया. उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय ने जो किया है वह असंवैधानिक और गैरकानूनी है. इसमें संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया है.
संविधान के अंतर्गत हमारे पास विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका हैं. इनके कार्यों को अलग अलग रखा गया है. कानून बनाना विधायिका का विशेषाधिकार है. अगर न्यायपालिका कानून बनाने लगेगी तो यह खतरनाक मिसाल स्थापित करना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें (बीसीसीआई को) सलाह दी है कि बड़ी पीठ के समक्ष समीक्षा याचिका दायर करें.