नयी दिल्ली : लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि कोई भी मैच कप्तान नहीं जिताता है बल्कि जीत के पूरे टीम का हाथ रहता है. हाल ही में गौतम गंभीर की कप्तानी में इंडिया ब्लू की टीम ने दलीप ट्रॉफी पर कब्जा […]
नयी दिल्ली : लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि कोई भी मैच कप्तान नहीं जिताता है बल्कि जीत के पूरे टीम का हाथ रहता है. हाल ही में गौतम गंभीर की कप्तानी में इंडिया ब्लू की टीम ने दलीप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया.
गौतम गंभीर का बल्ला इन दिनों काफी अच्छा चल रहा है. दलीप ट्राफी में इंडिया ब्लू की अगुवाई करते हुए उसे आसानी से खिताब दिलाया, साथ ही प्रत्येक पारी 80 रन के औसत से 320 रन भी जुटाये. इसके बाद भी उन्हें टीम इंडिया से बाहर होना पड़ रहा है. बल्ले से अच्छे प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्ताओ ने न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी सीरीज के लिए 15 सदस्यीय टीम चुनते हुए फिर से उनकी अनदेखी की. शानदार बल्लेबाजी के बाद भी वो चयनकर्ताओं के ध्यान अपनी ओर नहीं खिंच पा रहे हैं.
* कोहली-विलियमसन में कौन बेस्ट
विराट कोहली और न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन में बेस्ट कौन, इस सवाल के जवाब में गंभीर ने कहा, मैच कप्तान नहीं बल्कि टीम जिताती है. किसी भी मैच में जीत कप्तान नहीं बल्कि टीम दिलाती है. भारत-न्यूजीलैंड श्रृंखला के बाद ही तय होगा कि कोहली और विलियमसन में कौन बेहतर हैं.
* चयन पर क्या कहना है गंभीर का
अच्छे प्रदर्शन के बाद भी राष्ट्रीय टीम में उनकी अनदेखी के बारे में गंभीर ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मैं चयन के लिये नहीं खेलता। मेरा काम रन जुटाना है और मैं इसी पर अपना ध्यान लगाता हूं। ‘ उन्होंने कहा, ‘‘आपको मैदान पर जाकर सिर्फ उन्हीं चीजों पर नियंत्रण करना चाहिए जिन पर आप नियंत्रण कर सकते हो, बाकी चयनकर्ताओं का काम है. चयनकर्ता जो भी फैसला करते हैं, वो उनकी राय होती है. मेरा काम अपनी टीम को जीत दिलाना है.
* टेस्ट क्रिकेट में किसी भी तरह की छेड़छाड़ के पक्ष में नहीं
गंभीर ने दोहराया कि वह टेस्ट क्रिकेट में किसी भी तरह की छेड़छाड़ के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से मानता हूं कि दर्शकों को आकर्षित करने के लिये हमें लाल गेंद के बजाय गुलाबी गेंद से खेलने की जरुरत नहीं है, ऐसा तब करना चाहिए जब आपको लगे कि लाल गेंद से परिणाम नहीं मिल रहे. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘आजकल हमें टेस्ट मैच ड्रा होते हुए काफी कम दिख रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट पारंपरिक प्रारुप है और इसे ऐसे ही छोड़ देना चाहिए. आप टी20 और वनडे में गुलाबी गेंद से प्रयोग कर सकते हो, इसमें कोई नुकसान नहीं है. ‘