नयी दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के भाग्य पर फैसला 17 जनवरी को आने की उम्मीद है क्योंकि आज उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इसी दिन राजस्थान क्रिकेट संघ(आरसीए) चुनाव के नतीजे वाला सीलबंद लिफाफा खोलेगा. मोदी ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव लड़ा था.
न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस चुनाव में मोदी के जीतने की स्थिति में आरसीए चुनाव के नतीजे की घोषणा से पहले बीसीसीआई द्वारा मोदी के 19 दिसंबर 2013 चुनाव में लड़ने पर उठायी गयी आपत्ति पर भी सुनवाई की सहमति दी है.बीसीसीआई ने न्यायालय से गुहार लगायी थी कि मोदी को चुनाव में लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी क्योंकि बोर्ड ने उन्हें किसी अन्य क्रिकेट संघ से जुड़ने के लिये आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था. न्यायालय ने कहा कि बोर्ड की आपत्ति का मुद्दा तभी उठेगा जब मोदी चुनाव जीत जायेंगे और अगर ऐसा होता है तो वह नतीजा घोषित करने से पहले बीसीसीआई की याचिका की सुनवाई करेगी.
बोर्ड ने जोर दिया कि न्यायालय ललित मोदी के खिलाफ उसकी याचिका की सुनवाई करे तो न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘क्या वह (मोदी) इतना शक्तिशाली है कि उसे निश्चित रुप से चुन लिया जायेगा.’’ न्यायालय ने कहा कि चुनाव के नतीजे वाला सीलबंद लिफाफा 17 जनवरी को खोला जायेगा और उसी दिन सारी बहस पर सुनवाई होगी.
शीर्ष अदालत ने 20 नवंबर 2013 को अपने सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन एम कासलीवाल को इस चुनाव के लिये मुख्य पर्यवेक्षक बनाया था. बोर्ड ने 28 दिसंबर 2013 को उच्चतम न्यायालय में यह मामला उठाने का फैसला किया था. बोर्ड ने मोदी के आरसीए में दोबारा प्रवेश करने के संभावित प्रभावों पर चर्चा के लिये हुई आपात कार्यकारी समिति बैठक में इस मामले में हस्तक्षेप करने का फैसला लिया था.
मोदी को उच्चतम न्यायालय के पर्यवक्षेक की निगरानी में 19 दिसंबर को हुए आरसीए अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने की अनुमति दी गयी थी. बीसीसीआई ने अपनी अनुशासनात्मक समिति द्वारा मोदी के अनुशासनहीनता और र्दुव्यवहार के आठ आरापों में दोषी पाये जाने के बाद पिछले साल 25 सितंबर को उन्हें आजीवन प्रतिबंधित किया था.