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विराट-धौनी हैं हर अवतार में सुपरस्टार

– बिक्रम प्रताप सिंह – गिने-चुने क्रिकेटर ही हर फॉर्मेट में हैं सफल यह स्पेशलाइजेशन का जमाना है. क्रिकेट में भी यह बात लागू होती है. कोई टेस्ट का स्पेशलिस्ट है, कोई वनडे का, तो कोई ट्वेंटी 20 है. लेकिन, इस दौर में भी कुछ विरले क्रिकेटर ऐसे भी हैं, जो हर फॉर्मेट में समान […]

– बिक्रम प्रताप सिंह –

गिने-चुने क्रिकेटर ही हर फॉर्मेट में हैं सफल

यह स्पेशलाइजेशन का जमाना है. क्रिकेट में भी यह बात लागू होती है. कोई टेस्ट का स्पेशलिस्ट है, कोई वनडे का, तो कोई ट्वेंटी 20 है. लेकिन, इस दौर में भी कुछ विरले क्रिकेटर ऐसे भी हैं, जो हर फॉर्मेट में समान रूप से प्रभावी हैं.

इनके पास टेस्ट के लिए जरूरी संयम और तकनीक है, वनडे में काम आनेवाली आक्रामकता से भी यह भरपूर हैं और साथ ही टी 20 के लिए आवश्यक विस्फोटक क्षमता भी इनमें मौजूद है.

भारत और दक्षिण अफ्रीका के पास ऐसे सितारे ज्यादा : भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें इस समय वर्ल्ड क्रिकेट में काफी मजबूत मानी जाती है. भारत वनडे में नंबर एक है तो टेस्ट में नंबर दो. वहीं दक्षिण अफ्रीका की टीम टेस्ट में शीर्ष पर है और वनडे में दूसरे स्थान पर.

दोनों ही टीमें ट्वेंटी 20 क्रिकेट में भी काफी मजबूत मानी जाती है. सभी फॉर्मेट में खुद को ढाल लेने और बेहतरीन प्रदर्शन करनेवाले कुछ खिलाड़ियों की मौजूदगी भारत और दक्षिण अफ्रीका का पक्ष मजबूत करती है.

विराट, धौनी कैलिस, डिविलियर्स वार्नर, पीटरसन जैसे क्रिकेटरों का दुनिया ने माना लोहा

हर प्रारूप के सदाबहार

भारत के विराट कोहली, महेंद्र सिंह धौनी, आर अश्विन, दक्षिण अफ्रीका के जैक कैलिस, एबी डिविलियर्स, फाफ डु प्लेसी ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने क्रिकेट के हर प्रारूप में अपना लोहा मनवाया है. इन्हीं की तरह वेस्टइंडीज के क्रिस गेल, श्रीलंका के कुमार संगकारा और माहेला जयवर्धने, इंग्लैंड के केविन पीटरसन और ऑस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर हर किस्म की क्रिकेट में सुपरस्टार साबित हुए हैं या होने की राह पर हैं.

टैलेंट फिटनेस व डेडिकेशन : यूं तो हर क्रिकेटर सभी फॉर्मेट में फिट और हिट होने की चाहत रखता है. लेकिन, टीमों के अति व्यस्त शेड्यूल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दबाव को झेलते हुए हर अवतार में सुपरस्टार वही बन पाता है जिसके पास सभी फॉर्मेट के लिए जरूरी टैलेंट, बेहतरीन फिटनेस व सफलता की कभी न खत्म होनेवाली भूख होती है. कई ऐसे उदाहरण हैं जिससे साबित होता है कि उपरोक्त जरूरतों में से एक की भी कमी होने से कोई खिलाड़ी ऑल फॉर्मेट स्टार बनने से वंचित हो सकता है.

ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के कप्तान माइकल क्लार्क हर फॉर्मेट में चमक सकते हैं लेकिन उनकी फिटनेस (पीठ की चोट) उन्हें इसकी इजाजत नहीं देती है. चेतेश्वर पुजारा टेस्ट में अब तक बेस्ट साबित हुए हैं लेकिन सीमित ओवर की क्रिकेट में उनकी क्षमता पर अभी भी प्रश्न चिह्न् है. युवराज सिंह ने वनडे और ट्वेंटी में बेहतरीन प्रदर्शन किया है लेकिन टेस्ट में फेल रहे हैं.

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