नई दिल्ली:सचिन तेंदुलकर अपने पदार्पण के बाद से लेकर संन्यास लेने तक जिन17टेस्ट मैचों में नहीं खेले उनमें भारत ने केवल चार बल्लेबाजों को इस स्टार बल्लेबाज के पसंदीदा चौथे स्थान पर बल्लेबाजी के लिये भेजा. भारत कल से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगा और सबसे बड़ा सवाल यह है […]
नई दिल्ली:सचिन तेंदुलकर अपने पदार्पण के बाद से लेकर संन्यास लेने तक जिन17टेस्ट मैचों में नहीं खेले उनमें भारत ने केवल चार बल्लेबाजों को इस स्टार बल्लेबाज के पसंदीदा चौथे स्थान पर बल्लेबाजी के लिये भेजा.
भारत कल से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगा और सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिस चौथे नंबर पर पिछले दो दशक से भी अधिक समय से तेंदुलकर खेलते रहे,उसकी जिम्मेदारी कौन संभालेगा. भारत की वर्तमान टीम में किसी भी सदस्य को अभी तक टेस्ट मैचों में नंबर चार पर खेलने का अनुभव नहीं है.
तेंदुलकर ने अपने पदार्पण के कुछ समय बाद ही भारतीय बल्लेबाजी क्रम में चौथा स्थान अपने नाम पक्का कर दिया था. वह अपने करियर में चोटों या किसी अन्य वजह से केवल 17टेस्ट मैच नहीं खेल पाये. इन मैचों की30पारियों में जो चार बल्लेबाज चौथे नंबर पर खेलने के लिये उतरे उनमें से तीन संन्यास ले चुके हैं जबकि एक अन्य वर्तमान टीम का हिस्सा नहीं है.
तेंदुलकर की गैरमौजूदगी में राहुल द्रविड़ सात मैचों की11पारियों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आये जिनमें उन्होंने76 . 62की औसत से613रन बनाये. सौरव गांगुली ने भी इस तरह के पांच मैचों की आठ पारियों में75 . 28की औसत से527रन ठोके. उन्होंने अपने करियर की सर्वोच्च पारी:239रन:भी चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए खेली.वीवीएस लक्ष्मण ने तेंदुलकर की अनुपस्थिति में सात मैचों की दस पारियों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की और47-60की औसत से476रन बनाये. इन तीनों बल्लेबाजों ने इस दौरान एक एक शतक ठोका. सुरेश रैना वेस्टइंडीज के खिलाफ जुलाई2011में रोसेउ में दूसरी पारी में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे थे जिसमें उन्होंने आठ रन बनाये थे.