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भारत ने आस्ट्रेलिया को छह विकेट से शिकस्त दी

सिडनी :रोहित शर्मा और शिखर धवन से मिली शानदार शुरूआत के बाद युवा बल्लेबाज मनीष पांडे के करियर के पहले शतक की बदौलत भारत ने आखिर में हार के क्रम पर विराम लगा कर रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे पांचवें और आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में शनिवार को यहां छह विकेट से जीत दर्ज […]

सिडनी :रोहित शर्मा और शिखर धवन से मिली शानदार शुरूआत के बाद युवा बल्लेबाज मनीष पांडे के करियर के पहले शतक की बदौलत भारत ने आखिर में हार के क्रम पर विराम लगा कर रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे पांचवें और आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में शनिवार को यहां छह विकेट से जीत दर्ज करके ऑस्ट्रेलिया की क्लीन स्वीप की मंशा पूरी नहीं होने दी. ऑस्ट्रेलिया पहले चारों मैच जीत कर सीरीज अपने नाम कर चुका था, लेकिन उसकी निगाह क्लीन स्वीप पर टिकी थी, जबकि भारत के सामने प्रतिष्ठा बचाने का सवाल था. आखिर में सीरीज का परिणाम 4-1 से ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में रहा.

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने टॉस जीत कर ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. भारतीय गेंदबाजों ने सीरीज में पहली बार शुरू में कसी हुई गेंदबाजी की. ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक समय चार विकेट पर 117 रन था, लेकिन सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर (113 गेंदों पर 122 रन) ने एक छोर संभाले रखा. उन्होंने मिचेल मार्श (84 गेंदों पर नाबाद 102 रन) के साथ पांचवें विकेट के लिए 118 रन की साझेदारी की. इससे ऑस्ट्रेलिया ने सात विकेट पर 330 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया.

बड़े लक्ष्य के सामने शिखर धवन (56 गेंदों पर 78) और रोहित (106 गेंदों पर 99) ने पहले विकेट के लिए 18.2 ओवर में 123 रन जोड़ कर भारत को अच्छी शुरुआत दिलायी, लेकिन वह पांडे थे, जिन्होंने टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया. कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने विषम परिस्थितियों में 81 गेंदों पर 104 रन की नाबाद पारी खेली, जिसमें आठ चौके और एक छक्का शामिल है. उन्होंने धौनी (42 गेंदों पर 34 रन) के साथ चौथे विकेट के लिए 94 रन जोड़े. भारत ने आखिर में 49.4 ओवर में चार विकेट पर 331 रन बना कर 26 जनवरी से शुरू होनेवाली टी-20 सीरीज से पहले मनोबल बढ़ानेवाली जीत दर्ज की.

रोहित और धवन ने पहले चार ओवरों में परिस्थितियों को परखा और फिर गेंदबाजों पर हावी हो गये. इनमें से विशेष कर धवन ने शुरू में रन बनाने का बीड़ा उठाया, जबकि रोहित ने धैर्य और आक्रामकता का मिला-जुला प्रदर्शन किया. धवन ने जॉन हेस्टिंग्स (61 रन देकर तीन विकेट) पर छक्का जड़ कर शुरुआत की और फिर मिचेल मार्श का स्वागत स्क्वायर लेग पर छह रन से किया.

स्टीव स्मिथ ने नाथन लियोन को गेंद सौंपी, लेकिन धवन ने उन पर छक्का लगा कर 42 गेंदों में अपना 17वां अर्द्धशतक पूरा किया. आखिर में हेस्टिंग्स ने धवन को आउट करके यह साझेदारी तोड़ी, लेकिन तारीफ करनी होगी शॉन मार्श की, जिन्होंने डीप प्वाइंट पर खूबसूरत कैच लपका. हेस्टिंग्स ने अगले ओवर में विराट कोहली(आठ) को विकेट के पीछे कैच करा कर ऑस्ट्रेलिया को बड़ी सफलता दिलायी.पांडे पर बड़ी जिम्मेदारी थी, जिस पर वह खरा उतरे. उन्होंने रोहित का न सिर्फ अच्छा साथ दिया, बल्कि रन रेट भी नहीं गिरने दिया. रोहित ने इस बीच वनडे में अपना 28वां अर्द्धशतक पूरा किया. इसके बाद उन्होंने अधिक तेजी दिखायी और एकदिवसीय मैचों में 5000 रन भी पूरे किये. इस बीच उन्हें जीवनदान भी मिला और जब लग रहा था कि वह सीरीज में तीसरा शतक पूरा करने में सफल रहेंगे, तब हेस्टिंग्स की गेंद उनके बल्ले को चूमती हुई मैथ्यू वेड के दस्तानों में समा गयी. रोहित ने अपनी पारी में नौ चौके और एक छक्का लगाया.

धौनी पगबाधा की करीबी अपील से बचे और फिर उनका कैच भी छूटा, लेकिन भारतीय कप्तान रन बनाने के लिए जूझते रहे. पांडे ने इस बीच जरूर रन गति बनाये रखने की कोशिश की. भारत को आखिरी ओवर में 13 रन चाहिए थे. मिचेल मार्श ने पहली गेंद वाइड की और धौनी ने अगली गेंद पर छक्का जड़ दिया. अब पांच गेंद पर छह रन की दरकार थी, लेकिन धौनी कैच देकर पवेलियन लौट गये. पांडे ने थर्ड मैन पर खूबसूरत चौका जड़ कर वनडे में अपना पहला शतक पूरा किया और फिर अगली गेंद पर दो रन लेकर टीम को जीत दिलायी.

इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई पारी का आकर्षण वार्नर और मिचेल मार्श की पारी रही. मिचेल ने इस प्रारूप में अपना पहला शतक पूरा किया. संयोग से उनके पिता ज्योफ और बड़े भाई शॉन ने भी अपना पहला वनडे शतक भारत के खिलाफ ही लगाया था. वार्नर ने अपनी पारी में नौ चौके और तीन छक्के लगाये, जबकि मार्श की पारी में नौ चौके और दो छक्के शामिल हैं.

भारतीय गेंदबाजों में इशांत ने 60 रन देकर दो विकेट लिये, लेकिन अपना पहला वनडे खेल रहे जसप्रीत बुमराह ने काफी प्रभावित किया और अपने 10 ओवर में 40 रन देकर दो विकेट हासिल किये. उमेश यादव फिर से महंगे साबित हुए. उन्होंने आठ ओवर 82 रन देकर एक विकेट लिया. ऑस्ट्रेलिया ने पिछले मैच में शतक जड़नेवाले आरोन फिंच (छह) का विकेट इशांत के पहले ओवर में ही गंवा दिया. इसके बाद वार्नर ने कप्तान स्मिथ (28) के साथ 58 रन की साझेदारी की. बुमराह ने स्मिथ के रूप में अपना पहला विकेट लिया और इसके बाद जॉर्ज बेली और शॉन मार्श भी अधिक देर तक नहीं टिक पाये.

वार्नर और मिचेल मार्श ने लगभग सात रन प्रति ओवर की दर से स्कोर आगे बढ़ाया. वार्नर शतक पूरा करने के बाद इशांत की गेंद पर स्लैश करने के प्रयास में रवींद्र जडेजा को कैच दे बैठे. मिचेल मार्श हालांकि क्रीज पर जमे रहे और उन्होंने मैथ्यू वेड (27 गेंद पर 36 रन) के साथ 85 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की, जिससे ऑस्ट्रेलिया फिर से एक और बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल रहा. मिचेल ने आखिरी ओवर में शतक पूरा किया.

भारतीय टीम ने टीम में दो बदलाव किये. चोटिल अंजिक्य रहाणे की जगह पांडे को रखा गया, जबकि आधिकारिक तौर पर वनडे टीम में नहीं चुने गये बुमराह को पदार्पण करने का मौका दिया गया. वह टी-20 टीम से जुड़ने के लिए जल्दी ऑस्ट्रेलिया आ गये थे और भुवनेश्वर कुमार के चोटिल होने के कारण उन्हें यह मौका मिल गया. ऑस्ट्रेलिया ने ग्लेन मैक्सवेल की जगह शॉन मार्श और केन रिचर्डसन के स्थान पर स्कॉट बोलैंड को अंतिम एकादश में रखा.

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