चेन्नई : हितों के टकराव के खिलाफ शशांक मनोहर के रुख की तारीफ करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सीईओ डेव रिचर्डसन ने आज कहा कि आईसीसी चेयमैन और बीसीसीआई प्रमुख सिद्धांतवादी व्यक्ति हैं और दोनों संस्थाओं में संचालन के ढांचे को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं.
मनोहर की अध्यक्षता में बीसीसीआई को उस समय ढांचागत सुधारवादी कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ा जब उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरएम लोढा समिति ने उसके प्रशासन में आमूलचूल बदलाव का सुझाव दिया.
रिचर्डसन ने यहां एक प्रचार कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘किसी भी देश में जहां तक संचालन में सुधार के मामले में जहां तक आईसीसी का सवाल है तो फिलहाल सब कुछ उचित है. मुझे पता है कि हमारे नए चेयरमैन मनोहर काफी सिद्धांतवादी व्यक्ति हैं और ऐसा लगता है कि वह खेल के संचालन को हितों के टकराव के सिद्धांत से मुक्त रखने का प्रयास कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह उत्सुक हैं कि आर्ठसीसी भी संचालन के इन पहलुओं पर गौर करे. निश्चित तौर पर आईसीसी उन देशों के साथ काम करने के लिए उत्साहित होगा जिनका संचालन अच्छा है और अच्छा प्रशासन हैं और जो अच्छा काम कर रहे हैं.”
रिचर्डसन ने फैसलों की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के संदर्भ में कहा, ‘‘डीआरएस काफी उपयोगी है और बेशक हम अंपायर के अधिकतर फैसलों को सही करना चाहते हैं. हम उन मैचों के फैसलों का आकलन करते हैं जिनका प्रसारण किया जा रहा है. आकलन शानदार है कि अंपायरों ने लगभग 93 प्रतिशत फैसले सही दिए और डीआरएस ने इसमें सुधार करते हुए इसे 98 प्रतिशत तक पहुंचाया.”
उन्होंने कहा, ‘‘भारत विभिन्न कारणों से डीआरएस के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं है. सबसे पहले तो वे अधिकतर कहते हैं कि सिद्धांत के तौर पर उन्हें अंपायर के फैसला करने का विचार पसंद है और खेल भावना है कि अंपायर के फैसलों पर सवाल नहीं उठाया जाए.” भारत को इस साल मार्च-अप्रैल में विश्व टी20 चैंपियनशिप की मेजबानी करनी है और रिचर्डसन ने इन सुझावों को खारिज किया कि सुरक्षा कोई चिंता होगी.
क्रिकेट को ओलंपिक खेल बनाने के आईसीसी के दावे पर रिचर्डसन ने कहा, ‘‘हमने पिछले साल नवंबर में आईओसी के साथ बात की थी. इसके कई पक्ष हैं जिन पर विचार किया जाना है इसलिए हम अब तक इस स्थिति में नहीं हैं कि हम यह कह सकें कि हम क्रिकेट को ओलंपिक का हिस्सा बनाना चाहते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक में जगह बनाना इतना आसान नहीं है. संभवत: इस साल के मध्य में हम इस मामले को स्पष्ट दिशा दे पाएंगे.”