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क्रिकेट जगत सन्न

अक्तूबर 2005 में टीम इंडिया से जुड़नेवाले केरल के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत को असली पहचान आइपीएल में मिली. 2008 में आइपीएल मैच के दौरान हरभजन सिंह के चांटे के बाद वो कैमरे पर फूट-फूट कर रोते दिखायी दिये थे. हालांकि पांच साल बाद इसी सीजन में श्रीसंत ने ट्वीट करके कहा कि वो सब […]

अक्तूबर 2005 में टीम इंडिया से जुड़नेवाले केरल के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत को असली पहचान आइपीएल में मिली. 2008 में आइपीएल मैच के दौरान हरभजन सिंह के चांटे के बाद वो कैमरे पर फूट-फूट कर रोते दिखायी दिये थे. हालांकि पांच साल बाद इसी सीजन में श्रीसंत ने ट्वीट करके कहा कि वो सब प्लानिंग था.

हरभजन ने उन्हें चांटा मारा ही नहीं था. अब श्रीसंत नयी मुसीबत में फंस चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने आइपीएल के मैचों में स्पॉट फिक्सिंग करने के आरोप में राजस्थान रॉयल्स के इस तेज को गिरफ्तार किया है.

उनकी इस गिरफ्तारी ने क्रिकेट प्रेमी से लेकर पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट संस्थाओं से जुड़े लोगों तक को सकते में डाल दिया है. इन लोगों में से ज्यादातर लोगों का यही कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक किसी को भी दोषी करार नहीं दिया जाना चाहिए.

दाऊद से जुड़े बुकी कर रहे थे ‘स्पॉट फिक्सिंग’

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नयी दिल्ली : आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग में नये-नये खुलासे हो रहे हैं. धीरे-धीरे साफ हो रहा है कि इसके पीछे किसका हाथ है. खुलासा हुआ है कि फिक्सिंग के तार दुबई, अहमदाबाद, कराची व जयपुर से जुड़े हैं. बताया जा रहा है कि जुपिटर नाम का बुकी राजस्थान रॉयल्स के आठ खिलाड़ियों के संपर्कमें था.

अभी कुछ और खिलाडी भी इस मामले में गिरफ्तार हो सकते हैं. दो हफ्ते से बुकीज के खिलाफ मुंबई पुलिस की कार्यवाही लगातार चल रही थी. बुधवार को भी तीन बुकी को पकड़ा गया था.

बुकी का खुलासा

दिल्ली पुलिस ने आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग में बुकी जनार्दन, अमित सिंह पटेल, एनएस नैयर को गिरफ्तार किया है. इससे पहले मुंबई पुलिस ने मंगलवार शाम रमेश व्यास नाम के बुकी को गिरफ्तार किया था. उसने खुलासा किया कि जुपिटर, बंटी और कोठारी तीन बुकीज के जरिये आइपीएल में स्पॉट फिक्सिंग की जा रही है. जुपिटर, बंटी और कोठारी तीनों डी गैंग के हैं और दुबई से ऑपरेट करते हैं.

फोन हुए इंटरसेप्ट

बुधवार दोपहर 12 बज कर 20 मिनट से तकरीबन शाम साढ़े पांच बजे तक 28 कॉल होटल ट्राइडेंट से दिल्ली के लिए किये गये. पुलिस ने तकरीबन 31 मोबाइल फोन इंटरसेप्ट किये. दोपहर 12 बजे के आस पास ट्राइडेंट होटल में इनसे मिलने अय्यर नाम का शख्स पहुंचा था.

सीक्रेट था ऑपरेशन

यह दिल्ली पुलिस की स्पशेल सेल की टीम का सीक्रेट ऑपरेशन था, जिसके बारे में पुलिस कमिश्नर, स्पेशल सीपी और ज्वाइंट सीपी और डीसीपी के अलावा बाकी किसी को जानकारी नहीं थी.

बेटे के बचाव में उतरे श्रीसंत के पिता

धौनी-भज्जी पर जड़ा आरोप
श्रीसंत के पिता ने कहा है कि धौनी और हरभजन सिंह ने उनके बेटे के खिलाफ साजिश रची है. मलयालम मनोरमा को दिये इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि धौनी ने श्रीसंत को धमकी दी थी कि वह उसे कभी टीम में नहीं लेंगे. वहीं, श्रीसंत की मां ने उनके पिता की बातों को भावुकता में दिया गया बयान कहा.

कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि धौनी और भज्जी ने कोई साजिश रची होगी. इधर, चंडिला की पत्नी ने कहा कि उनके पति बेकसूर हैं. वह राजनीति का शिकार बने हैं. सच्चाई जल्द सामने आयेगी. उन्होंने इस सत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है. इसलिए उनके कई दुश्मन बन गये हैं. चंडिला फरीदाबाद के तिगांव के हैं.

बीसीसीआइ सख्त रुख दिखायेगा

श्रीसंत का कैरियर समाप्ति की ओर है. बीसीसीआइ ने इस तेज गेंदबाज को बैन करने की तैयारी कर ली है. फिलहाल आला अधिकारियों की नजरें दिल्ली पुलिस की जांच पर हैं, लेकिन पदाधिकारियों में सर्वसम्मति है कि उसे अब किसी स्तर पर क्रिकेट खेलने की स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए. इससे क्रिकेटरों में एक संदेश जायेगा.

दोषियों को मिले कड़ी सजा

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खेल मंत्रालय ने आइपीएल से कहा है कि स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त क्रिकेटर यदि दोषी हैं, तो उन्हें कड़ी सजा दें. साथ ही सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी अनैतिक घटनाएं न हों. इधर, मुंबई क्रिकेट संघ ने अपने एक खिलाड़ी अंकित चव्हाण की कथित स्पॉट फिक्सिंग में भूमिका पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यदि वह दोषी है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये.

जड़ से मिटाने का समय

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आइपीएल में स्पॉट फिक्सिंग को लेकर पिछले 24 घंटों में कई बातों का खुलासा हुआ. इसे लेकर फ्रेंचाइजियों और आइपीएल गवर्निग काउंसिल के बीच सहनशीलता नहीं रही. एक क्रिकेटर होने के नाते यह काफी दुखद घटना है. प्राथमिक सबूतों के बाद खिलाड़ियों को निलंबित करने और मामले को क्रिकेट अनुशासन कमेटी को भेज दिया गया है.

आगे भी इस मामले पर करीबी नजर रखे जायेंगे. इस सत्र में राहुल द्रविड़ और उनके लड़ाकू योद्धा शानदार प्रदर्शन कर रहे थे. यदि टीम के लिए इतने प्रतिबद्ध नहीं होते, तो टूर्नामेंट में यहां तक नहीं पहुंचते. दो-तीन खिलाड़ियों की वजह से पूरी टीम के खिलाड़ियों को शक की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्हें उनके सपने पूरे करने से दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए.

प्रशंसकों को भी चाहिए कि इम्तिहान की इस घड़ी में वे खिलाड़ियों का साथ दें व खिलाड़ियों के बीच अच्छे और बुरे को पहचानें. अब समय आ गया है कि सभी एकजुट हों और फिक्सिंग को जड़ से मिटायें.

भ्रष्टाचार को हमें गढ़ बनाने देने से रोकना होगा. भ्रष्टाचार से विश्व का पूरा खेल जगत ग्रसित है. यहां तक कि ओलिंपिक और विश्व कप भी इससे अछूते नहीं हैं, लेकिन इससे कोई खेल खत्म नहीं होता, न ही प्रशंसक. यह निरंतर चलनेवाला युद्ध है, जो आगे भी जारी रहेगा.
(टीसीएम)

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ऐसे बेचा गया ईमान

दिल्ली पुलिस द्वारा तीन क्रिकेटरों और 11 सट्टेबाजों को स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार करने की घोषणा से संबंधित संवाददाता सम्मेलन में आइपीएल खिलाड़ियों और सट्टेबाजों के बीच हुई बातचीत का कुछ लिपिबद्ध भाग भी पढ़ कर सुनाया गया, जो इस प्रकार है..

पहली बातचीत

पांच मई को पुणो-राजस्थान के बीच मैच से पहले कथित रूप से चंडिला और सट्टेबाज अमित के बीच बातचीत
चंडिला : हां, बोलो भाई. मुझे जाने दो. मैं इशारा करूंगा. पहला ओवर जाने दो. मैं देखूंगा.
अमित : पहला ओवर विश्वास के साथ करना और हमारे लिये उसी विश्वास से दूसरा ओवर करना.चंडिला : ठीक है, ठीक है. मैं करूंगा.
अमित : तुम्हारा इशारा क्या होगा?
चंडिला : मैं अपनी दोनों टीशर्ट को ऊपर नीचे करूंगा और फिर ओवर शुरू होने से पहले ऊपर देखूंगा.
इस ओवर में चंडिला संकेत देना भूल गया लेकिन उसने 14 रन दिये.

दूसरी बातचीत

श्रीसंत के चचेरे भाई जीजू जनार्दन और सट्टेबाज चांद के बीच नौ मई को राजस्थान और पंजाब के बीच हुए मैच से पहले की है.
चांद : इशारा क्या होगा?
जीजू : मैंने उससे कहा है. वह ऐसा कुछ नहीं करेगा जो असामान्य हो. वह दूसरा ओवर फेंकने से पहले एक तौलिया लगायेगा.
चांद : भाई, कृपया उसे सलाह देना कि वह हमें ओवर फेंकने से पहले कुछ समय दे ताकि हम अपनी सट्टेबाजी शुरू कर सकें.


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तीसरी बातचीत

चंडिला और अमित चव्हाण के बीच 15 मई को राजस्थान और मुंबई के बीच हुए मैच से पहले की है. चंडिला यह मैच नहीं खेल रहा था लेकिन उसने चव्हाण को अपने दूसरे ओवर में कम से कम 13 रन देने के लिए ‘मनाया’.
चव्हाण : मैं बाहर हूं.
चंडिला : ठीक है, क्या मैं हां कहूं?
चव्हाण : हां, लेकिन कितने?
चंडिला : वे कह रहे हैं कि 12
चव्हाण: नहीं, मुझे नहीं लगता कि यह संभव है. यह बहुत ज्यादा हैं.
चंडिला: मैंने उन्हें आश्वासन दिया है.
चव्हाण : ठीक है, हां कह दो
चंडिला : मैंने उनसे एक ओवर के लिए 60 (लाख रुपये) कहा है
चव्हाण : हां, ठीक है. मैं संकेत के लिए अपनी कलाई की पट्टी घुमाऊंगा.

(बाद में एक कॉल पर, यह फैसला किया गया कि चव्हाण अपने दूसरे ओवर में 14 या इससे अधिक रन देगा. उनमें से एक ने कहा कि वे बीबीएम पर आगे की जानकारी के बारे में बात करेंगे.)

पूरा खेल कलंकित नहीं

बीसीसीआइ अध्यक्ष श्रीनिवासन ने कहा कि एक-दो दागदार खिलाड़ियों के कारण पूरा खेल कलंकित नहीं हो सकता और उन्हें मिलने वाली सजा दूसरों को ऐसा करने से रोकने के लिए पर्याप्त होगी. श्रीनिवासन ने कोडाइकनाल से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संवाददाताओं से कहा कि मैं दूसरे के बारे में नहीं जानता लेकिन मैं सकते में हूं.

बीसीसीआइ को कभी इसकी उम्मीद नहीं थी. यह करारा झटका है. हम जो भी संभव होगा वह करेंगे. हम इस मामले की तहकीकात करेंगे. देखते है कि हम क्या कर सकते हैं और हम क्या कदम उठा सकते हैं, जिससे कि ऐसी हरकतें नहीं हों.

आजीवन प्रतिबंध लगे

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पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि आइपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किये गये तीन क्रिकेटरों को अगर दोषी पाया जाता है तो उन्हें ‘प्रतिबंधित’ करना चाहिए. आइपीएल में स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण से हैरान गांगुली ने कहा कि जो हुआ, मैं उससे निराश और गुस्सा हूं. उन्होंने कहा कि इस तरह का भ्रष्टाचार खिलाड़ी पर निर्भर करता है क्योंकि कोई भी आपको बाध्य नहीं कर सकता.

तुरंत बैन लगे

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि जबसे आइपीएल शुरू हुआ है, तबसे यह गंदगी शुरू हुई है. पहले ही खिलाड़ी नीलाम हो रहा है, तो आगे बिकने में उसे क्या कठिनाई हो सकती है. ऐसे टूर्नामेंट को तुरंत बैन करना चाहिए, जिससे समाज का पतन हो रहा है.

क्या है स्पॉट फिक्सिंग

स्पॉट फिक्सिंग में पूरा मैच नहीं, खेल का एक हिस्सा फिक्स किया जाता है. इसमें खिलाड़ी बुकी के इशारे पर वही करता है, जो पहले से तय रहता है. जैसे इस गेंद को नो बॉल करना है या वाइड फेंकनी है, या फुलटॉस करना है. बल्लेबाज भी उस गेंद पर बुकी से फिक्स करता है कि इस गेंद पर रन नहीं लेना है या आउट हो जाना है.

कैसे होता है फायदा

बुकी खिलाड़ियों से सौदा कर लेता है. उसी आधार पर हर गेंद पर सट्टा लगाता और लगवाता है कि गेंद नो बॉल होगी या वाइड. उस गेंद पर या उस ओवर में कितने रन बनेंगे. सट्टेबाज को पहले से पता होता है. उसी आधार पर वह सट्टा लगवा कर पैसे बनाता है. आइपीएल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं है, इसमें सट्टेबाजी आसान हो जाता है.

कब-कब निकला फिक्सिंग का जिन्न

– 1994 : पाक कप्तान सलीम मलिक पर मैच फिक्स और पाक दौरे पर शेन वार्न और मार्क वॉ को लचर प्रदर्शन करने के लिए पैसे की पेशकश का आरोप लगा.
– 1996 : टीम इंडिया के मैनेजर सुनील देव ने कुछ भारतीय क्रि केटरों पर मैच फिक्सिंग के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया.
– 1997 : मनोज प्रभाकर ने साथी क्रिकेटरों पर 1994 के श्रीलंका दौरे के दौरान फिक्सिंग के लिए 25 लाख दिलाने का आरोप लगाया.
– 1998 : पाक के अताउर रहमान पर वसीम अकरम को न्यूजीलैंड के खिलाफ खराब गेंदबाजी करने के लिए तीन लाख डॉलर की पेशकश का आरोप लगा.
– 1998 : पाक के राशिद लतीफ ने अकरम, सलीम मलिक, इंजमाम उल हक और एजाज अहमद पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया.
– 1998 : शेन वार्न और मार्क वॉ ने माना कि उन्होंने वर्ष 1994 में श्रीलंका में खेले गये सिंगर कप के दौरान मौसम और पिच की जानकारी सट्टेबाज को बेची थी.
– 2000 : दिल्ली पुलिस ने दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्र ोनिये पर भारत के खिलाफ वनडे मैच में फिक्सिंग कराने का आरोप लगाया. हर्शेल गिब्स, पीटर स्ट्राइडम और निकी बोए पर भी उठी उंगलियां.
– 2000 : मनोज प्रभाकर ने कपिल देव पर आरोप लगाया कि उन्होंने 1994 में श्रीलंका में खेले गये मैच में पाक के खिलाफ खराब प्रदर्शन करने को कहा था.
– 2000 : पाक की एक न्यायिक जांच समिति ने पूर्व कप्तान मलिक मुहम्मद कयूम और गेंदबाज अताउर रहमान पर फिक्सिंग करने की पुष्टि की. दोनों पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था.
– 2000 : दक्षिण अफ्रीकी क्रि केट प्रमुख अली बशिर ने खुलासा किया था कि पाक क्रिकेट बोर्ड के पूर्व सीइओ माजिद खान ने उन्हें बताया है कि विश्व कप-1999 के दो मैच पहले से ही फिक्स थे.
– 2000 : क्रोनिये ने कहा कि उन्होंने एक मैच के लिए एक लाख डॉलर लिये, मगर मैच फिक्स नहीं किया.
– 2000 : आयकर विभाग ने कपिल देव, अजहरु द्दीन, अजय जडेजा, नयन मोंगिया और निखिल चोपड़ा के माकानों पर छापे मारे.
– 2000 : अक्तूबर में क्र ोनिये पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया.
– 2000 : अजहरु द्दीन को फिक्सिंग का दोषी पाया गया जबकि अजय जडेजा, मनोज प्रभाकर, अजय शर्मा और भारतीय टीम के पूर्व फिजियो अली ईरानी के संबंध सट्टेबाजों से होने की पुष्टि की गयी.
– 2000 : अजहर और अजय शर्मा पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया.
– 2004 : केन्या के पूर्व कप्तान मॉरिश ओडेंबे पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया. उन्हें कई मैचों में पैसे लेकर फिक्सिंग करने का दोषी पाया गया था.
– 2004 : न्यूजीलैंड के फ्लेमिंग ने दावा किया कि उन्हें एक भारतीय खेल आयोजक ने 1999 में खेले गये विश्व कप में खराब प्रदर्शन करने के लिए तीन लाख 70 हजार डॉलर की रकम पेश की थी.
– 2008 : मर्वन सैमुअल्स को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया. उन पर 2007 में भारत दौरे के दौरान एक भारतीय सट्टेबाज द्वारा फिक्सिंग के लिए पैसे लेने का आरोप सिद्ध किया गया था.
– 2010 : दानिश कनेरिया और मार्विन वेस्टफील्ड को काउंटी क्रि केट में फिक्सिंग की जांच के मामले में गिरफ्तार किया गया. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
– 2010 : लॉर्डस में स्पॉट फिक्सिंग में पाकिस्तानी टीम के पूर्व कप्तान सलमान बट्ट, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ फंसे.

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