दिल्ली : सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज बल्लेबाजों की मौजूदगी में दक्षिण अफ्रीका को उसके घर में किसी श्रृंखला में हराने में नाकाम रही भारतीय टीम अब महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई में अपना रिकार्ड सुधारने की कोशिश करेगी.
भारत अगले महीने के शुरु में छठी बार दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर जायेगा और इस बार भी उसकी निगाह अपने इस मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ उसकी सरजमीं पर टेस्ट या वनडे श्रृंखला में जीत दर्ज करने पर लगी रहेगी. कई उतार चढ़ावों के बाद मूर्तरुप पाने वाले इस दौरे में भारतीय टीम पहले तीन एकदिवसीय मैच और फिर दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगी.
दक्षिण अफ्रीका की तेज और उछाल वाली पिचों पर खेलना भारत के लिए हमेशा चुनौती भरा रहा है और यही वजह है कि पिछले 20 से अधिक वर्षों से वह कभी वहां श्रृंखला नहीं जीत पाया. भारत ने अब तक दक्षिण अफ्रीका में जो पांच टेस्ट श्रृंखलाएं खेली हैं उनमें से चार में मेजबान देश ने जीत दर्ज की जबकि 2010 – 11 की श्रृंखला ड्रा रही थी. भारत ने अब तक दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर 15 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से उसे दो में जीत और सात में हार मिली है. बाकी छह मैच ड्रा रहे.
असल में भारत को दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली जीत के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. भारतीय टीम नवंबर 1992 में पहली बार दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर गयी जहां चार टेस्ट मैचों में उसे 0-1 से हार मिली. इसके बाद 1996- 97 और 2001 – 02 में दक्षिण अफ्रीका ने क्रमश: 2-0 और 1-0 से जीत दर्ज की थी.
भारत ने 2006 – 07 में भी तीन मैचों की श्रृंखला जीती थी लेकिन उस समय द्रविड़ की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने जोहांनिसबर्ग में पहला टेस्ट मैच 123 रन से जीतकर अच्छी शुरुआत की थी. भारत के पास श्रृंखला जीतने का सुनहरा मौका था लेकिन उसने अगले दोनों मैच गंवा दिये थे.
भारत इसके बाद 2010 – 11 में दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर गया. उसे सेंचुरियन में पहले टेस्ट मैच में पारी के अंतर से हार का सामना करना पड़ा लेकिन डरबन में खेले गये दूसरे मैच में लक्ष्मण के साहसिक प्रयास से उसने 87 रन से जीत दर्ज करके श्रृंखला 1-1 से बराबर करवायी थी. केपटाउन में खेला गया तीसरा मैच ड्रा रहा था.
भारतीय बल्लेबाजों के लिये वर्तमान दौरा भी हर बार की तरह चुनौती भरा होगा. चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, शिखर धवन और रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों को सुनिश्चित करना होगा कि टीम को अब तेंदुलकर, द्रविड़ और लक्ष्मण की कमी नहीं खल रही है जिन्होंने समय समय पर दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर अपने बल्ले का पराक्रम दिखाया है.
धौनी की टीम की पहली चुनौती हालांकि तीन मैचों की वनडे श्रृंखला होगी, क्योंकि सीमित ओवरों की क्रिकेट में भारत कभी दक्षिण अफ्रीका में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया. इन दोनों टीमों के बीच दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर अब तक जो 25 वनडे मैच खेले गये हैं उनमें से भारत केवल पांच में जीत दर्ज कर पाया है. इस बीच उसने 19 मैच गंवाये जबकि एक मैच का परिणाम नहीं निकला.भारत अभी दुनिया की नंबर एक वनडे टीम है और उसके लिए दक्षिण अफ्रीका में जीत दर्ज करना सबसे बड़ी चुनौती है. धौनी की टीम का लक्ष्य न सिर्फ तीन मैचों की श्रृंखला जीतने बल्कि वहां अपने रिकार्ड में सुधार करना भी होगा.
इन दोनों टीमों के बीच दक्षिण अफ्रीका में अब तक तीन द्विपक्षीय श्रृंखलाएं खेली गयी और इन तीनों में मेजबान टीम ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की. दक्षिण अफ्रीका ने 1992- 93 में 5-2 से, 2006 -07 में 4-0 से और 2010 – 11 में 3-2 से जीत दर्ज की थी. भारत इस तरह से दक्षिण अफ्रीका में द्विपक्षीय वनडे श्रृंखलाओं में 16 मैचों में केवल चार में जीत दर्ज कर पाया है और 12 में उसे हार मिली.
धौनी की अगुवाई वाली टीम अभी लगातार छह वनडे श्रृंखलाओं में जीत दर्ज करके दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर जा रही है और इस बार उसके लिए पास वनडे और टेस्ट श्रृंखला जीतने का सबसे बढि़या मौका माना जा रहा है. पाकिस्तान की पहले दो एकदिवसीय मैचों में दक्षिण अफ्रीका पर जीत से भी भारतीय टीम का मनोबल बढ़ेगा.