कानपुर : वेस्टइंडीज के कप्तान ड्वेन ब्रावो ने आज यहां कहा कि विशाखापत्तनम में दूसरे वनडे में जीत हासिल करके श्रृंखला में बराबरी हासिल करने से उनकी टीम में आत्मविश्वास आया है कि वे भारत को उसकी सरजमीं पर हरा सकते हैं.
कोच्चि में पहले वनडे में भारत के हाथों छह विकेट की शिकस्त के बाद वेस्टइंडीज ने विशाखापत्तनम में दो विकेट की करीबी जीत दर्ज करके तीन मैचों की श्रृंखला को जीवंत बना दिया है.
ब्रावो ने ग्रीन पार्क में होने वाले तीसरे और निर्णायक मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘पिछला मैच जीतने से हमारा मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ा है कि हम भारत को भारत में हरा सकते हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान पिछले मैच के अपने प्रदर्शन में सुधार पर है और हम एक टीम में रुप में अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने की कोशिश करेंगे.
भारत के साथ पिछले पांच वनडे मुकाबलों में तीन बार हमें हार का सामना करना पड़ा जबकि दो बार हम जीते.’’वेस्टइंडीज के कप्तान ने कहा, ‘‘इसलिए कल का मैच हिसाब बराबर करने और श्रृंखला जीतने के लिए काफी महत्वपूर्ण है.’’ ब्रावो ने हालांकि स्वीकार किया कि भारत को लगातार दो मैचों में उसकी सरजमीं पर हराने के लिए कैरेबियाई टीम को कुछ विशेष करना पड़ेगा. ब्रावो ने कहा, ‘‘पीड़ादायक हार के बाद भारतीय टीम पलटवार करेगी और यह दिन का मैच है इसलिए काफी गर्मी और उमस होगी. यह आसान नहीं होने वाला लेकिन मैं अपनी टीम को दुनिया की नंबर एक टीम को हराने के महत्व के बारे में याद दिलाता रहूंगा.’’
वेस्टइंडीज के कप्तान ने कहा कि मैच जीतने के लिए जरुरी है कि योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाए और कल उनकी नजरें इसी पर टिकी होंगी.
दूसरे वनडे में वेस्टइंडीज के बल्लेबाज ने बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन मेहमान टीम का कोई भी बल्लेबाज अब तक बड़ी पारी नहीं खेल पाया है और ब्रावो ने कहा कि जब तक बल्लेबाज टीम की सफलता में योगदान दे रहे हैं तब तक यह उनके लिए चिंता की बात नहीं है.
ब्रावो हालांकि चाहते हैं उनके बल्लेबाज अपने भारतीय समकक्षों से सीखें कि किस तरह अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदला जाता है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं वेस्टइंडीज के युवा बल्लेबाजों को उत्साहित करता हूं कि वे भारतीय बल्लेबाजों से सीखे और विशेष तौर पर उनकी रनों की भूख के रवैये को अपनाएं. मैं चाहता हूं कि डेरेन ब्रावो, कीरन पावेल और जानसन चाल्र्स जैसे खिलाड़ी विराट कोहली, रोहित शर्मा और शिखर धवन जैसे खिलाड़ियों से सीखें.’’