दुबई : भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका की शर्मनाक हार के बाद पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने आज कहा कि अपने पूर्व साथी खिलाड़ियों को इतना खराब खेलते देख वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका को भारत ने चार मैचों की श्रृंखला में 3 – 0 से हराया. मास्टर्स चैम्पियंस लीग में वर्गों सुपर किंग्स टीम के लिए खेलने जा रहे स्मिथ ने कहा कि इस हार को देखने के बाद वह संन्यास का फैसला बदलने के लिए गंभीरता से विचार कर रहे हैं.
उन्होंने ‘द नेशनल’ अखबार से कहा ,‘‘ कौन जानता है कि एमसीएल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी का एक जरिया साबित हो.’ उन्होंने कहा ,‘‘ मुझसे यह सवाल कई बार पूछा जाता है. यह दिमाग में घूमता रहता है. खासकर जब आप टीम को इस तरह जूझते देखते हैं तो लगता है कि आप योगदान दे सकते हैं. देखते हैं. मैं फिर से अभ्यास करके एमसीएल की तैयारी करुंगा.’ स्मिथ ने कहा ,‘‘ मैं दुविधा में हूं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करना चाहिए या नहीं. मैं 34 साल का हूं और 33 की उम्र में संन्यास ले लिया था. यह सवाल हमेशा से था कि क्या मैं तीन चार साल और खेल सकता हूं. मुझे पता है कि मैं खेल सकता हूं. मैं दुविधा में हूं. एमसीएल के बाद देखते हैं.’
भारत में मिली हार के बारे में स्मिथ ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका टीम ने विकेटों का हौव्वा बना लिया था और उस दबाव से उबर नहीं सकी. उन्होंने कहा ,‘‘ जब आप कठिन विकेटों पर खेलते हैं तो चाहे वे हरी हों, सीम या टर्न लेने वाली, मार्जिन बहुत कम होता है और हम उसी मार्जिन पर हार गए.’ उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे लगता है कि हमने विकेटों के बारे में ज्यादा ही सोच लिया. विकेट कठिन थे लेकिन दोनों टीमों को उन पर खेलना था.’ स्मिथ ने कहा कि 72 दिन के लंबे भारत दौरे के बाद टीम को अब रिलैक्स करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा ,‘‘ हमने साल के आखिर में खुद पर कुछ दबाव बना लिया. अब इंग्लैंड टीम को दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना है लिहाजा खिलाडियों को वापिस जाकर आराम करना चाहिए. वे लंबे समय से भारत में है और अब उन्हें परिवार के साथ रिलैक्स करना चाहिए.’ दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट कप्तान हाशिम अमला श्रृंखला में नाकाम रहे लेकिन स्मिथ ने कहा कि उनकी ज्यादा आलोचना नहीं होनी चाहिये. उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अमला का बहुत सम्मान करता हूं. यह श्रृंखला कठिन रही और रन आसानी से नहीं बने. अमला को समय देने की जरुरत है. बतौर कप्तान यह उसकी पहली चुनौती थी और इससे वह कैसे उबरता है, इसी से उसकी परीक्षा होगी. उसे वह मौका दिया जाना चाहिये.’