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सचिन ने कहा,यकीन नहीं होता कि 22 गज के बीच का जीवन खत्म हो गया

मुंबई : भीगी पलकों के साथ सचिन तेंदुलकर ने आज जब क्रिकेट को अलविदा कहा तब दिल को छू लेने वाले अपने भाषण में परिवार, कोचों, साथियों, दोस्तों और प्रशंसकों को शुक्रिया कहना नहीं भूले और यह भी कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि पिछले 24 साल से 22 गज के दरमियान की […]

मुंबई : भीगी पलकों के साथ सचिन तेंदुलकर ने आज जब क्रिकेट को अलविदा कहा तब दिल को छू लेने वाले अपने भाषण में परिवार, कोचों, साथियों, दोस्तों और प्रशंसकों को शुक्रिया कहना नहीं भूले और यह भी कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि पिछले 24 साल से 22 गज के दरमियान की उनकी जिंदगी खत्म हो गई है. अपने जज्बात पर काबू रखने की पूरी कोशिश करने वाले तेंदुलकर ने जब अपने उद्गार व्यक्त किये तो वानखेड़े स्टेडियम पर जमा लोग भावविभोर हो गए.

भारत की जीत के बाद तेंदुलकर पुरस्कार वितरण समारोह में जब बोलने आये तब उन्होंने सबसे पहले कहा ,‘‘ शांत हो जाइये दोस्तों , वरना मैं बहुत भावुक हो जाउंगा. यह यकीन करना मुश्किल है कि मेरा अद्भुत सफर खत्म हो गया है.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं पहली बार सूची लेकर आया हूं जिन्हें मुङो धन्यवाद देना है क्योंकि कई बार मैं भूल जाता हूं.’’

तेंदुलकर ने कहा ,‘‘ सबसे पहले मेरे पिता(रमेश तेंदुलकर) जिनका 1999 में निधन हो गया. उनके मार्गदर्शन के बिना मैं आपके सामने खड़ा नहीं होता. उन्होंने मुझसे कहा कि अपने सपने पूरे करो, हार नहीं मानो और कभी शार्टकट मत अपनाओ. मुझेआज उनकी कमी खल रही है.’’पहली बार उन्हें किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में खेलते देखने आई मां रजनी तेंदुलकर के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ मुझेनहीं पता कि मेरे जैसे शरारती बच्चे से वह कैसे निपटती रही होंगी. जिस दिन से मैने खेलना शुरु किया, वह सिर्फ मेरे लिये दुआयें करती आई है. मैं स्कूल के दिनों में चार साल अपने काका और काकू के साथ रहा जिन्होंने मुझेअपने बेटे की तरह माना.’’

तेंदुलकर ने कहा ,‘‘ मेरा सबसे बड़ा भाई नितिन बहुत बोलता नहीं है लेकिन उसने कहा था कि तुम जो भी करोगे, मुझे पता है कि अपना शत प्रतिशत दोगे. मेरा पहला बल्ला मेरी बहन सविता ने दिया था. अभी भी जब मैं बल्लेबाजी करता हूं तो वह उपवास रखती है.’’अपने भाई अजित के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ अजित और मैने यह सपना साथ देखा था. उसने मेरे लिये अपना कैरियर कुर्बान कर दिया. वह मुझे आचरेकर (रमाकांत) सर के पास लेकर गया. पिछली रात भी उसने मुझे फोन करके मेरे विकेट के बारे में बात की. जब में नहीं खेलता हूं तब भी हम तकनीक पर बात करते हैं.’’तेंदुलकर ने फिर अपनी पत्नी अंजलि को धन्यवाद देते हुए उन्हें अपना सबसे बेहतरीन जोड़ीदार बताया.

उन्होंने कहा ,‘‘ अंजलि से शादी मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत पल था. मुझे पता था कि एक डाक्टर होने के नाते उसके सामने सुनहरा कैरियर था. जब हमारा परिवार बढा तो उसने फैसला किया कि मैं खेलता रहूं और वह घर संभालेगी. इतने सालों तक मेरी सारी बकवास सुनने के लिये शुक्रिया. मेरे जीवन की तुम सबसे उम्दा साझेदारी हो.’’उन्होंने वहां मौजूद अपने बच्चोंअर्जुनऔर सारा से भी वादा किया कि अब वह उनके साथ अधिक समय बिताकर इतने साल समय नहीं दे पाने की भरपाई करेंगे. उन्होंने अपने सास ससुर और दोस्तों को भी धन्यवाद दिया.

तेंदुलकर ने बीसीसीआई और एमसीए को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने साथी क्रिकेटरों, सहयोगी स्टाफ, डाक्टरों और ट्रेनरों को भी शुक्रिया कहा. उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे साथ खेल चुके सभी सीनियर क्रिकेटरों को धन्यवाद. राहुल ( द्रविड़), वीवीएस ( लक्ष्मण ), सौरव (गांगुली) और अनिल (कुंबले) जो यहां नहीं हैं.’’उन्होंने कहा ,‘‘ जब एम एस(धोनी) ने मुझे 200वें टेस्ट की कैप सौंपी तो मैने टीम को एक संदेश दिया कि हम सभी देश का प्रतिनिधित्व करके गौरवान्वित हैं. मुझे पूरा यकीन है कि आप इसी तरह देश की सेवा करते रहेंगे.’’

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