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आखिरी बार सचिन को खेलते देखने पहुंचे आचरेकर

मुंबई: सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले रमाकांत आचरेकर अपने शिष्य का आखिरी मैच देखने का मोह नहीं छोड़ सके और तबीयत नासाज होने के बावजूद सुबह आठ बजे ही वानखेड़े स्टेडियम पहुंच गए थे.आचरेकर ने पहले ही कहा था कि अगर सचिन का 200वां और आखिरी टेस्ट वानखेड़े स्टेडियम पर होता है […]

मुंबई: सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले रमाकांत आचरेकर अपने शिष्य का आखिरी मैच देखने का मोह नहीं छोड़ सके और तबीयत नासाज होने के बावजूद सुबह आठ बजे ही वानखेड़े स्टेडियम पहुंच गए थे.आचरेकर ने पहले ही कहा था कि अगर सचिन का 200वां और आखिरी टेस्ट वानखेड़े स्टेडियम पर होता है तो वह देखने जायेंगे. सचिन ने खुद दीवाली के मौके पर उनके घर जाकर उन्हें मैच देखने के लिये आने का न्यौता दिया था.

आचरेकर के साथ वानखेड़े स्टेडियम के प्रेसीडेंट बाक्स में मौजूद उनकी बेटी कल्पना मूरकर ने फोन पर भाषा को बताया ,‘‘ वह : आचरेकर : लंबे अर्से बाद कोई मैच देखने स्टेडियम आये हैं. सुबह आठ बजे ही स्टेडियम पहुंच गए थे और अगर सचिन पहले दिन बल्लेबाजी के लिये उतरता है तो पूरे छह घंटे रुकेंगे.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ अगर सचिन की बल्लेबाजी कल आती है तो वह कल भी मैदान पर आ सकते हैं.’’

उन्होंने कहा ,‘‘ सचिन ने खुद घर आकर उन्हें न्यौता दिया था. वह पहले ही कह चुके थे कि अगर सचिन का आखिरी मैच मुंबई में होगा तो वह स्टेडियम जाना चाहेंगे.’’ मुंबई के शिवाजी पार्क में सचिन को क्रिकेट की बारीकियां सिखाने वाले द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त कोच आचरेकर खराब स्वास्थ्य के कारण चलने फिरने में असमर्थ हैं लेकिन टीवी पर सचिन की बल्लेबाजी देखने का कोई मौका नहीं छोड़ते.

कल्पना ने बताया कि स्टेडियम में उन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह कितने दुखी हैं.उन्होंने कहा ,‘‘ वह चाहते थे कि सचिन कुछ साल और खेले. निश्चित तौर पर वह भीतर से बहुत दुखी हैं क्योंकि सचिन के क्रिकेट से अलग होने की उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की.’’ आचरेकर का सचिन के जीवन और कैरियर में विशेष स्थान रहा है और आज तक हर टूर्नामेंट से पहले और बाद में वह अपने बचपन के कोच का आशीर्वाद लेना नहीं भूले.

उनके बारे में एक किस्सा मशहूर है कि शिवाजी पार्क पर अभ्यास के दौरान आचरेकर स्टम्प के उपर एक रुपये का सिक्का रख देते थे और जो गेंदबाज सचिन को आउट करता, उसे वह सिक्का मिलता था. यदि सचिन पूरा सत्र आउट हुए बिना खेलते तो आचरेकर वह सिक्का उसे देते थे. सचिन के पास ऐसे 13 सिक्के हैं जो उनकी अनमोल धरोहर हैं.

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