India215पहली पारी
South Africa11/2 (9.0 ov)
नागपुर : स्पिनरों के लिये पहले दिन से ही स्वर्ग बनी जामथा की पिच पर भारत ने अपेक्षाकृत कम स्कोर पर आउट होने के बाद दक्षिण अफ्रीका को भी दो झटके देकर तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच को शुरुआती दिन रोमांचक स्थिति में पहुंचा दिया.
पहले बल्लेबाजी के लिये उतरने वाले भारत की पूरी टीम 78.2 ओवर में 215 रन पर आउट हो गयी. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और उसने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक नौ ओवर में दो विकेट पर 11 रन बनाये हैं. टर्न लेती पिच पर रविचंद्रन अश्विन एंड कंपनी का सामना करना उसके बल्लेबाजों के लिये सबसे बड़ी चुनौती होगी.
वर्तमान श्रृंखला में लगातार तीसरे टेस्ट मैच में पहले दिन ही पहली पारी पूरी समाप्त हो गयी. भारत का कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया. उसने लंच से पहले दोनों सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (12) और मुरली विजय (40) के विकेट गंवाकर 85 रन बनाये थे. दूसरा सत्र तो पूरी तरह से दक्षिण अफ्रीका के नाम रहा. इस बीच भारत ने 64 रन जोड़े लेकिन मध्यक्रम के चार महत्वपूर्ण बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (21), कप्तान विराट कोहली (22), अंजिक्य रहाणे (13) और रोहित शर्मा (दो) पवेलियन लौटे.
रविंद्र जडेजा (34) और विकेटकीपर रिद्धिमान साहा (32) ने बीच में कुछ समय के लिये विकेट गिरने का क्रम रोका. इन दोनों ने सातवें विकेट के लिये 48 रन जोडे. निचले क्रम में केवल अश्विन (15) ही दोहरे अंक में पहुंचे. भारत ने तीसरे सत्र में बाकी बचे चारों विकेट गंवाये और इस बीच 66 रन जोडे. विकेटों का पतन यहीं पर नहीं थमा.
जब दक्षिण अफ्रीकी पारी शुरु हुई तो उसने चौथे ओवर में स्टियान वान जिल का विकेट गंवा दिया. आफ स्पिनर अश्विन की फुल लेंथ गेंद को उन्होंने रक्षात्मक तरीके से खेलने का प्रयास किया लेकिन वह बल्ले का किनारा लेकर पहली स्लिप में रहाणे के पास पहुंच गयी. यह लगातार चौथा अवसर है जबकि अश्विन ने खराब फार्म में चल रहे वान जिल को आउट किया.
बायें हाथ के स्पिनर जडेजा ने नाइटवाचमैन इमरान ताहिर (चार) को बोल्ड करके उन्हें लगभग छह ओवर बचे होने के बावजूद क्रीज पर भेजने का दक्षिण अफ्रीका का दांव नहीं चलने दिया. स्टंप उखड़ने के समय सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर सात रन पर खेल रहे थे जबकि कप्तान हाशिम अमला को अभी खाता खोलना है.
इशांत शर्मा के साथ नई गेंद संभालने वाले अश्विन ने अब तक चार ओवरों में पांच रन देकर एक विकेट जबकि बायें हाथ के स्पिनर जडेजा ने तीन ओवरों में दो रन देकर एक विकेट लिया है. विकेट में पहले दिन से ही काफी टर्न दिख रहा है और ऐसे में कोहली ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करने में कोई हिचहिचाहट नहीं दिखायी.
इसके बाद धवन और विजय ने पहले विकेट के लिये 50 रन जोड़कर लगातार दूसरी अर्धशतकीय साझेदारी निभायी. इन दोनों बल्लेबाजों के दूसरे घंटे में आउट होने के बाद भारतीय पारी का नाटकीय पतन शुरु हुआ. भारत ने लंच के बाद 15 ओवर के अंदर केवल 31 रन के अंदर चार विकेट गंवाये. मोर्कल और आफ स्पिनर साइमन हार्मर ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया.
मोर्कल को हालांकि पारी के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव के कारण मैदान छोड़ना पडा जो पहले ही चोटिल खिलाडियों की समस्या से जूझ रहे दक्षिण अफ्रीका के लिये करारा झटका है. डेल स्टेन की अनुपस्थिति में मोर्कल को दूसरे छोर से एक अदद तेज जोड़ीदार की कमी खली.
मोर्कल ने 35 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि हार्मर ने अधिकतर राउंड द विकेट गेंदबाजी की. उन्होंने भी स्पिन की मददगार पिच का फायदा उठाते हुए 78 रन देकर चार विकेट लिये. कैगिसो रबादा, डीन एल्गर और इमरान ताहिर ने एक एक विकेट हासिल किया. भारत को सुबह के सत्र में पहले घंटे में कोई झटका नहीं लगा लेकिन इसके बाद उसने विजय और धवन के विकेट गंवाये.
धवन ने एल्गर की गेंद पर ड्राइव करने के प्रयास में गेंदबाज को वापस कैच थमाया. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने 23 गेंद खेली. यह श्रृंखला में तीसरा अवसर है जबकि वह कम स्कोर पर आउट हुए. मोहाली में धवन दोनों पारियों में खाता नहीं खोल पाये थे जबकि बेंगलुरु में उन्होंने नाबाद 45 रन बनाये. पुजारा ने इमरान ताहिर पर दो चौके जमाकर अच्छी शुरुआत की लेकिन भारत ने जल्द ही विजय का विकेट गंवा दिया. मोर्कल ने फुल लेंथ गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट किया.
विजय ने 84 गेंदें खेली तथा तीन चौके और हार्मर पर एक छक्का लगाया. मोर्कल ने दूसरे सत्र में कोहली और रहाणे के विकेट भी लिये. तीसरे स्पैल में उनका गेंदबाजी विश्लेषण चार ओवर, दो मेडन, आठ रन, दो विकेट था. पुजारा को हार्मर ने तेजी से टर्न लेती गेंद पर पगबाधा आउट किया और इसके बाद उन्होंने रोहित को भी पवेलियन की राह दिखायी जो क्रीज पर अपनी मौजूदगी के दौरान जूझते हुए नजर आये.
रोहित ने 28 गेंदों का सामना करके दो रन बनाये. चाय के विश्राम के बाद जडेजा और साहा ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को अगली सफलता के लिये कुछ समय तक इंतजार कराया. टेस्ट टीम में वापसी से पहले सौराष्ट्र की तरफ से राजकोट की इसी तरह की पिच पर खेलने वाले जडेजा ने अपने उस अनुभव का अच्छा इस्तेमाल करके कुछ दर्शनीय शाट भी लगाये. रबादा ने हालांकि जडेजा को लगातार परेशान किया और आखिर में उनकी फुललेंथ गेंद इस आलराउंडर के बल्ले को चूमकर विकेटों में समा गयी.
जडेजा ने 54 गेंद खेली और छह चौके लगाये. साहा ने दूसरे छोर से आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी की लेकिन हार्मर की गेंद पर फ्लिक करने के प्रयास में वह अपनी एकाग्रता खो बैठे और डुमिनी को कैच देकर पवेलियन लौटे. उनकी 106 गेंद की पारी में चार चौके शामिल हैं. इसके बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगी.