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जगमोहन डालमिया के निधन के बाद बीसीसीआई प्रमुख की खोज तेज

नयी दिल्ली: नेतृत्व को लेकर चल रहे गतिरोध को दूर करने की दिशा बडा कदम उठाया गया जब बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर और शरद पवार गुट के कुछ शीर्ष अधिकारियों ने जगमोहन डालमिया के निधन के बाद अध्यक्ष पद का सर्वसम्मत उम्मीदवार ढूंढने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात की.ठाकुर बीसीसीआई […]

नयी दिल्ली: नेतृत्व को लेकर चल रहे गतिरोध को दूर करने की दिशा बडा कदम उठाया गया जब बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर और शरद पवार गुट के कुछ शीर्ष अधिकारियों ने जगमोहन डालमिया के निधन के बाद अध्यक्ष पद का सर्वसम्मत उम्मीदवार ढूंढने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात की.ठाकुर बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर और पूर्व कोषाध्यक्ष अजय शिर्के के साथ गुरुवार रात जेटली से उनके निवास पर मिले और नेतृत्व को लेकर चल रहे गतिरोध को दूर करने पर चर्चा की.
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्षों और विरोधी रहे शरद पवार और एन श्रीनिवासन के बीच संभावित गठजोड की खबरों के जोर पकडने के बीच ठाकुर गुट ने भी पवार गुट के अहम सदस्यों से पर्दे के पीछे बातचीत शुरु कर दी है.श्रीनिवासन विरोधी गुट के दो सबसे अहम सदस्य रहे मनोहर और शिर्के ने गुरुवार को दिल्ली आकर ना सिर्फ जेटली से मुलाकात की बल्कि वे बीसीसीआई के अन्य अहम अधिकारियों से भी मिले.
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘हां, जेटली के घर पर बैठक हुई. मनोहर और शिर्के ने बीसीसीआई की मौजूदा स्थिति पर जेटली के साथ विस्तृत चर्चा की. ठाकुर भी मौजूद थे .” पता चला है कि विदर्भ के वकील मनोहर को उनकी साफ छवि और बोर्ड भ्रष्टाचार रोधी अभियान के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष के पद की पेशकश की गई लेकिन उन्होंने इस पेशकश से इनकार कर दिया.
सूत्र ने कहा, ‘‘मनोहर ने हमेशा कहा है कि बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी के रुप में वह अपनी पारी खेल चुके हैं. वह दोबारा वापसी नहीं करना चाहते लेकिन वह सभी हितधारकों के बीच विश्वास दोबारा कायम करने के लिए बीसीसीआई की मदद करने को तैयार हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि वह पवार-श्रीनिवासन के गठजोड के पक्ष में नहीं हैं.” पता चला है कि जेटली और ठाकुर दोनों ने मनोहर और शिर्के से आग्रह किया है कि वे पवार को श्रीनिवासन गुट से अलग रहने के लिए मनाएं.
उन्होंने कहा, ‘‘मनोहर और शिर्के को कहा गया कि सिर्फ छह महीने पहले उन सभी ने श्रीनिवासन को बीसीसीआई से बाहर करने के लिए संघर्ष किया था. कैसा लगेगा अगर पवार श्रीनिवासन के सहयोग से बीसीसीआई अध्यक्ष बन जाएं. उन्हें कहा गया कि वे पवार को मनाएं कि वह श्रीनिवासन से दूर रहें.” सूत्र ने संकेत दिए, ‘‘ठाकुर गुट भी पवार को अध्यक्ष पद की पेशकश के खिलाफ नहीं है और मिलाकर दोनों के पास जरुर वोट भी हैं.” अगर मनोहर की तरह पवार भी बीसीसीआई अध्यक्ष बनने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं तो वे शिर्के को भी अध्यक्ष बनाने को तैयार हैं क्योंकि राजीव शुक्ला शायद इस शीर्ष पद के लिए सर्वसम्मत पसंद नहीं हो.
सूत्र ने कहा, ‘‘शिर्के बीसीसीआई के सर्वश्रेष्ठ कोषाध्यक्ष में से एक रहे. उनकी छवि हमेशा कडे लेकिन पाक साफ प्रशासक की रही. उन्होंने आईपीएल 2013 के दौरान सट्टेबाजी और स्पाट फिक्सिंग में दामाद गुरुनाथ मयप्पन का नाम आने के बावजूद श्रीनिवासन के इस्तीफा नहीं देने के विरोध में इस्तीफा दिया.” हालांकि अभी यह नहीं पता चला है कि पवार या शिर्के को अध्यक्ष पद की पेशकश करने पर पूर्व क्षेत्र की इकाइयां कैसी प्रतिक्रिया देंगी क्योंकि अध्यक्ष पद का उम्मीदवार पेश करने की उनकी बारी है. पूर्व क्षेत्र की कुछ इकाइयां बीसीसीआई अध्यक्ष पद के अपने उम्मीदवार के रुप में झारखंड के संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी को उतारने के पक्ष में हैं.

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