कोलकाता : भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली के निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के बारे में सकारात्मक संकेत देने के बाद से इस बारे में फिर से बहस शुरू हो गयी है. कोहली के डीआरएस के बारे में सकारात्मक रुख के दो दिन बाद बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने डीआरएस के बारे में कहा, बोर्ड का […]
कोलकाता : भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली के निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के बारे में सकारात्मक संकेत देने के बाद से इस बारे में फिर से बहस शुरू हो गयी है. कोहली के डीआरएस के बारे में सकारात्मक रुख के दो दिन बाद बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने डीआरएस के बारे में कहा, बोर्ड का रवैया अब भी पहले जैसा ही है लेकिन क्रिकेट सलाहकार समिति भविष्य में कोई फैसला कर सकती है.
हालांकि अपने पूर्ववर्ती एन श्रीनिवासन के रवैये से थोड़ा हटकर डालमिया ने कहा कि बीसीसीआई चर्चा के लिये तैयार है और भविष्य की द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में संशोधित स्वरुप का उपयोग किया जा सकता है. डालमिया ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, यह स्पष्ट किया जाता है कि निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का रवैया अभी पहले जैसा ही है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के दौरान डीआरएस को आंशिक रुप से या इसके संशोधित स्वरुप का उपयोग करने को लेकर चर्चा के लिये हमारे रास्ते खुल नहीं हैं.
बांग्लादेश के खिलाफ भारत के एकमात्र टेस्ट मैच के समाप्त होने के तुरंत बाद कोहली से डीआरएस के बारे में पूछा गया और उन्होंने कहा, आपको इसकी समीक्षा करनी होगी और गेंदबाजों से पूछना होगा कि वे इस बारे में क्या सोचते हैं. बल्लेबाजों से पूछो कि वह इस बारे में क्या सोचते हैं. इस टेस्ट मैच के लिये हमारे पास बहुत कम समय था. अब हमारे पास समय होगा, मुझे पूरा विश्वास है कि इस पर चर्चा होगी. हालांकि डालमिया का बयान वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की भावनाओं को ही व्यक्त करते हैं जिनका शुरु से मानना है कि वर्तमान स्वरुप में डीआरएस फुलप्रूफ नहीं है.
डालमिया ने विज्ञप्ति में कहा, डीआरएस प्रणाली के इस्तेमाल के खिलाफ तर्क यह है कि यह प्रणाली अब तक फुलप्रूफ नहीं है. हालांकि यह मसला तकनीकी पहलुओं से जुडा है तो बीसीसीआई इस पर क्रिकेट सलाहकार समिति की राय भी जानी जा सकती है.