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तेंदुलकर ने मीडिया से अर्जुन पर दबाव नहीं डालने को कहा

मुंबई : भारत के सीनियर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने आज मीडिया से कहा कि वे ‘क्रिकेट के दीवाने’ उनके बेटे अर्जुन को अकेला छोड़ दें और उसे बिना किसी दबाव के खेलने दें.तेंदुलकर को मुंबई खेल पत्रकार संघ ने 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने पर यहां सम्मानित किया. इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि वह चाहते […]

मुंबई : भारत के सीनियर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने आज मीडिया से कहा कि वे ‘क्रिकेट के दीवाने’ उनके बेटे अर्जुन को अकेला छोड़ दें और उसे बिना किसी दबाव के खेलने दें.तेंदुलकर को मुंबई खेल पत्रकार संघ ने 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने पर यहां सम्मानित किया. इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनके 14 वर्षीय बेटे की अपनी पहचान हो और उनके साथ उसकी तुलना नही की जाए.

तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मेरे बेटे ने आज मैच खेला. पहला क्लब मैच, आधिकारिक मैच. वह जुनूनी है, उसे क्रिकेट से बेइंतहा प्यार है. लेकिन मैदान की गतिविधियों के इतर भी काफी चीजें क्रिकेटर के आस पास होती हैं. उसे जो भी सुनने को या पढ़ने को मिलता है या इसे जिस तरह पेश किया जाता है, मैं सबकी सराहना करुंगा अगर वे उसे स्वयं उसकी तरह ही रहने दें जिससे कि उसकी अपनी पहचान हो और इससे भी अधिक वह अपने क्रिकेट का लुत्फ उठा सके.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां हूं और पूरा खेल पत्रकार जगत यहां बैठा है, मैं अपने बच्चे का बचाव करने वाले पिता की भूमिका निभा रहा हूं. जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरु किया, मेरे पिता प्रोफेसर थे और साहित्य के क्षेत्र से संबंध रखते थे लेकिन कभी भी किसी ने मुझे पर यह दबाव नहीं बनाया कि तुम क्रिकेट खेल रहे हो, अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना कैसा रहेगा.’’

तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मेरे जीवन में कभी तुलना नहीं की गई. उसने (अर्जुन ने) अपने कैरियर की शुरुआत की है इसलिए विनम्र आग्रह है कि वह सामान्य 14 साल के बच्चे की तरह अपना जीवन जी पाए, इस खेल के प्यार में खोने के अलावा वह किसी और चीज के बारे में नहीं सोचे.’’ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक जड़ने वाले पहले और एकमात्र क्रिकेटर तेंदुलकर को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

इस सीनियर बल्लेबाज ने पुरानी घटनाओं को याद किया जब 1987 में संघ ने पहली बार उन्हें सम्मानित किया था. उन्होंने कहा कि उस समय रिक्शा का उनका सफर काफी आरामदायक था.उन्होंने कहा, ‘‘मैं रिक्शे के सफर को नहीं भूल सकता. उन दिनों यह काफी आरामदायक हुआ करता था विशेषकर तब जब आप बड़े किट बैग को उठाकर ट्रेन या बस से यात्रा कर रहे हो. वह शाम काफी यादगार थी विशेषकर इसलिए क्योंकि सुनील गावस्कर से तभी टेस्ट क्रिकेटर से संन्यास लिया था और वह वहां मौजूद थे.’’तेंदुलकर ने अन्य पुरस्कार विजेताओं को सलाह दी कि वे अपने क्षेत्रों में सफलता हासिल करने के लिए सकारात्मक मानसिकता अपनाएं.

अन्य पुरस्कार विजेता इस प्रकार रहे: लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार: मजर्बान पटेल :हाकी: सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी: आदित्य मेहता :स्नूकर: सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी: राही सरनोबत :निशानेबाजी: सर्वश्रेष्ठ जूनियर पुरुष खिलाड़ी: महेश मनगांवकर :स्क्वाश: सर्वश्रेष्ठ जूनियर महिला खिलाड़ी: तन्वी लाड :बैडमिंटन: सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी :भारतीय खेल: दीपिका हेनरी जोसफ :कबड्डी: सत्र का सर्वश्रेष्ठ पुरुष क्रिकेटर : अभिषेक नायर सत्र की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर: पूनम राउत साल के सर्वश्रेष्ठ जूनियर क्रिकेटर: अरमान जाफर साल की सर्वश्रेष्ठ टीम: मुंबई रणजी ट्राफी टीम

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