नयी दिल्ली : पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी ने कहा कि उन्हें खुद का बचाव करने के लिये बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति ने समय नहीं दिया जो उनके द्वारा टी20 लीग के आयोजन के दौरान की गयी कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है.मोदी ने कहा, ‘‘सुनवाई 26 सितंबर 2010 को शुरु हुई थी और 20 महीनों से बीसीसीआई ने अपने गवाहों को जुटाया और बयान रिकार्ड किये. मेरे लिये बचाव का समय तीन मार्च 2013 से ही शुरु हुआ और अचानक 22 अप्रैल 2013 को खत्म हो गया. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने 20 महीने तक अपने गवाहों को पेश किया और मुझे ऐसा करने का समय नहीं दिया गया. वे मुझे दो और हफ्तों का समय दे सकते थे. ’’मोदी पर रिपोर्ट के अनुसार 11 मामलों का आरोप लगया गया है, उन्होंने यहां तक कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रुप से अपना बचाव करने की अनुमति नहीं दी गयी.
उन्होंने लंदन से ‘टाइम्स नाउ’ से कहा, ‘‘उन्होंने मुझे खुद आने का समय भी नहीं दिया. उन्होंने कहा कि वे आगे कोई प्रस्तुति स्वीकार नहीं करेंगे. ’’ मोदी आईपीएल के पहले तीन सत्र में अध्यक्ष और आयुक्त थे, लेकिन उन्हें 2010 समापन समारोह के बाद लीग चलाने के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के लिये अचानक निलंबित कर दिया.
उन पर तीसरे चरण के पहले दो नई टीमों की नीलामी के दौरान अनुचित अनियमितताओं का आरोप लगा. बीसीसीआई के उन पर 25 सितंबर को चेन्नई में होने वाली विशेष आम बैठक में आजीवन प्रतिबंध लगाने की पूरी उम्मीद है.