नयी दिल्ली : अपने घरेलू मैदान पर दो साल में पहली जीत दर्ज करने के बाद उत्साह से लबरेज दिल्ली डेयरडेविल्स और पिछले मैच से दमदार वापसी करने वाली रायल चैलेंजर्स बेंगलूर दोनों टीमें कल यहां जब आमने सामने होंगी तो उनकी निगाहें आईपीएल आठ में अपना अभियान पूरी तरह से पटरी पर लाने पर टिकी रहेगी. डेयरडेविल्स ने पिछले मैच में मुंबई इंडियंस को 37 रन से हराया जो फिरोजशाह कोटला में 21 अप्रैल 2013 के बाद उसकी पहली जीत थी. कोटला में लगातार नौ मैच गंवाने के बाद हार का मिथक तोडने से दिल्ली को बडी राहत मिली है और अब उसकी निगाह यहां होने वाले बाकी दोनों मैचों में भी जीत दर्ज करने पर लगी है. आरसीबी के बाद दिल्ली यहां एक मई को किंग्स इलेवन पंजाब से भिडेगी.
दिल्ली के कप्तान जेपी डुमिनी ने मुंबई के खिलाफ जीत के बाद कहा था, यह थोड़ा छोटा मैदान है. हमें अभी यहां पर दो मैच और खेलने हैं. उम्मीद है कि हम इन दोनों में भी जीत दर्ज करने में सफल रहेंगे. आईपीएल आठ में दिल्ली का अभियान अभी तक उतार चढ़ाव वाला रहा है. पहले दो मैच में हार के बाद उसने अगले दो मैच जीते. उसके छह मैचों में तीन जीत से छह अंक हंै. आरसीबी की भी कमोबेश यही स्थिति है. उसने पहला मैच जीतने के बाद लगातार तीन मैच गंवाये लेकिन पिछले मैच में वह राजस्थान रायल्स को नौ विकेट से हराने में सफल रहा. इस तरह से उसके पांच मैचों में चार अंक हैं.
दिल्ली के लिए सकारात्मक पहलू यह है कि उसने अब तक हर मैच विरोधी टीम को कड़ी टक्कर दी. पहले दो मैच भी उसने आखिरी गेंद पर गंवाये थे और अब लगता है कि टीम धीरे धीरे वह संयोजन हासिल करने की तरफ बढ़ रही है जिसकी उसे पिछले दो वर्षों से तलाश थी. डुमिनी टीम के लिए तुरुप का इक्का बने हुए हैं. इस दक्षिण अफ्रीकी खिलाडी ने न सिर्फ अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया है बल्कि उनकी स्पिन गेंदबाजी भी कारगर साबित हुई हैं. डुमिनी ने छह मैचों में 207 रन बनाये हैं जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने सात विकेट भी हासिल किये हैं.
श्रेयस अय्यर (छह मैचों में 227 रन ) के रूप में दिल्ली को शीर्ष क्रम में एक भरोसेमंद बल्लेबाज मिल गया है जो तेजी से रन बनाने की कला भी जानता है. इस 20 वर्षीय बल्लेबाज की मुंबई के खिलाफ 83 रन की पारी आखिर में निर्णायक साबित हुई थी. एंजेलो मैथ्यूज ने मध्यक्रम को मजबूती दी है लेकिन युवराज सिंह, मयंक अग्रवाल और मनोज तिवारी अपेक्षानुरुप प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं. युवराज को यदि खेलने के लिए अधिक ओवर मिलते हैं तो फिर बायें हाथ का यह बल्लेबाज अपने आलोचकों को करारा जवाब देने के लिये बेताब होगा. उन्होंने अब तक छह पारियों में 20.33 की औसत से 122 रन बनाये हैं.
लेकिन डेयरडेविल्स को अब उस टीम का सामना करना है जिसके आक्रमण में लगातार सुधार हो रहा है. आरसीबी का गेंदबाजी विभाग एक समय कमजोर माना जा रहा था लेकिन मिशेल स्टार्क के आने से उसे काफी मजबूती मिली है. इससे उसके अन्य गेंदबाजों के प्रदर्शन पर भी सकारात्मक प्रभाव पडा है. स्टार्क ने रायल्स के खिलाफ पिछले मैच में 22 रन देकर तीन विकेट लिये थे.
दिल्ली के पास गेंदबाजी में काफी विकल्प हैं लेकिन फिर से उसकी रणनीति दोनों लेग स्पिनर इमरान ताहिर और अमित मिश्रा पर ही केंद्रित रहेगी. ताहिर ने विश्व कप के अपने अच्छे प्रदर्शन को आईपीएल में भी जारी रखकर अब तक 13 विकेट हासिल कर लिये हैं. यदि पिच स्पिनरों को मदद करती है तो फिर बेंगलूर के पास भी यजुवेंद्र चाहल और इकबाल अब्दुल्ला के रुप में दो उपयोगी स्पिनर हैं और ऐसे में मुकाबला रोमांचक होगा.
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज नाथन कूल्टर नाइल ने दिल्ली के तेज गेंदबाजी विभाग की अच्छी अगुवाई की जिसमें उन्हें डोमिनिक जोसेफ मुत्थुस्वामी से अच्छा सहयोग मिल रहा है. डुमिनी, मैथ्यूज और युवराज की मौजूदगी के कारण दिल्ली के पास गेंदबाजी के काफी विकल्प हो जाते हैं. इसके उलट आरसीबी ने अपने पांच मुख्य गेंदबाजों पर ही निर्भर है और इसलिए हर्षल पटेल और डेविड वीज के अंतिम एकादश में बने रहने की पूरी संभावना है.
दिल्ली के गेंदबाजों को क्रिस गेल, विराट कोहली और एबी डिविलियर्स जैसे दुनिया के धाकड बल्लेबाजों के सामने कडी परीक्षा से गुजरना होगा. इन तीनों में से कोई भी किसी भी तरह की गेंदबाजी की धज्जियां मिनटों में उडा सकता है. आरसीबी के बल्लेबाजों का प्रदर्शन हालांकि उतार चढाव वाला रहा है और इसलिए उसे बीच में लगातार तीन मैचों में हार का सामना करना पडा.
गेल अब तक अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाये और इस वजह से उन्हें एक मैच में बाहर भी बैठना पडा लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि कोटला इस कैरेबियाई बल्लेबाज के पसंदीदा मैदानों मंे से एक है. इसी मैदान पर उन्होंने 2012 में 128 रन की नाबाद पारी खेली थी. दर्शक निश्चित रुप से इस कैरेबियाई बल्लेबाज से फिर से इसी तरह की पारी की उम्मीद करेंगे. कोहली का यह घरेलू मैदान है और इसलिए उनकी टीम को भी यहां पर्याप्त समर्थन मिलना तय है.
इन दोनों टीमों के बीच अब तक कुल 13 मैच खेले गये हैं जिसमें से दिल्ली ने पांच और आरसीबी ने सात मैच में जीत दर्ज की. एक मैच टाई रहा जिसमें आरसीबी को अंक मिला था. यदि कोटला की बात करें तो इस मैदान पर दोनों टीमों के बीच यह छठा मैच होगा. इनमें से पिछले तीनों मैच आरसीबी ने जीते हैं और उसकी निगाह अपना विजय अभियान जारी रखने पर रहेगी.