नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें फिरोजशाह कोटला मैदान पर होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग के मैचों के कांप्लीमेंटरी टिकटों का उचित वितरण सुनिश्चित करने के लिए जल्द नीति के गठन की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति राजीव शकधर की […]
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें फिरोजशाह कोटला मैदान पर होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग के मैचों के कांप्लीमेंटरी टिकटों का उचित वितरण सुनिश्चित करने के लिए जल्द नीति के गठन की मांग की गई थी.
न्यायमूर्ति राजीव शकधर की पीठ ने जनहित याचिका पर डीडीसीए को चार हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है. जनहित याचिका में साथ ही यहां 2014 में हुए आईपीएल सात के मैचों के कांप्लीमेंटरी टिकटों के वितरण की जानकारी और इसके लिए अपनाई गई प्रणाली पर भी जानकारी मांगी है.
सुनवाई के दौरान डीडीसीए के वकील ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि यह विचारणीय नहीं है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 22 मई को तय की है. डीडीसीए सदस्य एनसी बख्शी द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2014 में डीडीसीए की संपत्ति का गलत इस्तेमाल किया गया. दावा किया गया है कि फिरोजशाट कोटला मैदान पर होने वाले मैचों के आठ करोड़ रुपये के कांप्लीमेंटरी टिकटों का कोई हिसाब नहीं रखा गया.