नयी दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड की कार्यकारिणी की शुक्रवार को होनेवाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले कांग्रेस सांसद सुबोधकांत सहाय ने एन श्रीनिवासन के खिलाफ मोरचा खोलते हुए चेतावनी दी कि यदि बीसीसीआइ ने ह्यअसंवैधानिकह्ण तरीके से कामकाज जारी रखा, तो सरकार हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर हो सकती है.
सहाय ने कहा, ह्यबोर्ड आरटीआइ के दायरे में नहीं आना चाहता. वह संविधान और संसद को नहीं मान रहा है. हमारी यह चेतावनी और अपील भी है कि श्रीनिवासन कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता नहीं करें. यदि इस पर गौर नहीं होता है, तो सरकार भी हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर हो जायेगी. वह फिर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.ह्ण मुंबई उच्च न्यायालय ने आइपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक इंडिया सीमेंट लिमिटेड, इसके पूर्व टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन, बीसीसीआइ के निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा को क्लीन चिट देनेवाले पैनल को ह्यगैरकानूनी और असंवैधानिकह्ण करार दिया था, लेकिन उसने श्रीनिवासन को कार्यकारिणी की अध्यक्षता करने से नहीं रोका है.
इस सवाल पर सुबोधकांत ने कहा, ह्यश्रीनिवासन को नैतिक आधार पर अपना पद छोड़ना चाहिए. बीसीसीआइ के सदस्यों को भी साहस दिखा कर उन्हें बाहर करना चाहिए. कल का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और यदि श्रीनिवासन पद पर बना रहता है, तो वह तमाम जांच को प्रभावित करता रहेगा.ह्ण
उन्होंने कहा, ह्यबीसीसीआइ को आरटीआइ के दायरे में लाना जरूरी है, क्योंकि यह खेल से अधिक व्यवसाय बन गया है. प्रत्येक मैच फिक्स किया जा रहा है. उसमें दाऊद इब्राहिम का हाथ बताया जा रहा है. श्रीनिवासन ने असल में बीसीसीआइ को हाईजैक कर दिया है. जिस तरह उन्हें और उनके परिजनों को क्लीन चिट मिली है, उससे देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमी चिंतित हैं.ह्ण
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के श्रीनिवासन के साथ संबंधों के बारे में सहाय ने कहा, ह्यधौनी कोई श्रीनिवासन की संपत्ति नहीं है. वह हम सबका प्यारा है.ह्ण सहाय जिस झारखंड क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं, वह इस राज्य के गठन के समय मान्यता प्राप्त संघ था, लेकिन अब उसे बीसीसीआइ की मान्यता हासिल नहीं है. दूसरी तरफ बिहार क्रिकेट संघ के महासचिव आदित्य वर्मा के संगठन को भी मान्यता हासिल नहीं है. वर्मा ने कहा कि बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने उनसे अदालत के बाहर समझौता करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा, ह्यमुझसे कहा गया था कि क्या वह नहीं चाहते कि मेरे संघ को मान्यता मिले. मेरा बेटा क्रिकेट खेलता है, उसके भविष्य का हवाला दिया गया, लेकिन मैंने हार नहीं मानी. यदि श्रीनिवासन शुक्रवार को अध्यक्षता करते हैं, तो उच्चतम न्यायालय जाऊंगा. मैं चुप नहीं बैठूंगा.ह्ण