कराची : पहाडों से चट्टानों को गिराकर और नदियों तथा तालाबों में तैराकी करके अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाकर पाकिस्तान की विश्व कप क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाले तेज गेंदबाज सोहेल खान ने लंबा सफर तय किया है. विश्व कप के लिये पाकिस्तान की 15 सदस्यीय टीम में वह अप्रत्याशित चेहरा हैं लेकिन पूर्व […]
कराची : पहाडों से चट्टानों को गिराकर और नदियों तथा तालाबों में तैराकी करके अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाकर पाकिस्तान की विश्व कप क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाले तेज गेंदबाज सोहेल खान ने लंबा सफर तय किया है.
विश्व कप के लिये पाकिस्तान की 15 सदस्यीय टीम में वह अप्रत्याशित चेहरा हैं लेकिन पूर्व कप्तान रशीद लतीफ को उनकी काबिलियत पर पूरा यकीन है. अपनी घरेलू टीम पोर्ट कासिम में सोहेल को मौका देने वाले लतीफ ने कहा , उसने विश्व कप टीम में अपनी जगह खुद बनाई है.
उन्होंने कहा , घरेलू सर्किट पर शानदार प्रदर्शन से उसने टीम में जगह बनाई और मुझे यकीन है कि वह विश्व कप में अच्छा खेलेगा. पाकिस्तान के आदिवासी खाइबर पख्तूनख्वा प्रांत से ताल्लुक रखने वाले सोहेल ने अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिये काफी मेहनत की है. वह पहाडों से नीचे चट्टानें फेंका करता था. क्रिकेट सुविधाओं के अभाव में उसने शुरुआत टेनिस गेंद से की.
उसने कहा , मैं क्रिकेट में नाम कमाना चाहता था लेकिन हमारे पास मैदान या जिम नहीं था. किसी ने मुझे कहा कि दूरी से पत्थर फेंकने पर तेज गेंदबाजी के लिये मेरी मांसपेशियां मजबूत हो जायेंगी. नदियों में रोजाना तैरने से भी उसकी फिटनेस बेहतर हुई. उसने बाद में कराची में प्रतिभा तलाश कार्यक्रम में भाग लिया और लतीफ की अकादमी के लिये चुन लिया गया.