तीसरा एशेज टेस्ट आज से,सीरीज जीतने के इरादे से उतरेगा इंग्लैंड
मैनचेस्टर (ब्रिटेन): ऑस्ट्रेलियाई टीम बुधवार यहां ओल्ड ट्रैफोर्ड में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होनेवाले तीसरे एशेज टेस्ट के लिए विवादास्प्द बल्लेबाज डेविड वार्नर को खिलाने पर विचार कर रही है, क्योंकि इस मुकाबले में उनके लिए जीत दर्ज करना निहायती जरूरी है. शीर्ष बल्लेबाजी क्रम लंबे समय से ऑस्ट्रेलिया के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है और लॉर्ड्स पर दूसरे टेस्ट में मिली 347 रन की करारी शिकस्त से यह साबित भी हो गया, जिसमें मेहमान टीम पहली पारी में केवल 128 रन पर सिमट गयी थी.
इंग्लैंड ने पांच मैचों की सीरीज में 2-0 से बढ़त बनायी हुई है और अगर ऑस्ट्रेलिया को एशेज ट्रॉफी वापस करने की उम्मीदों को जीवंत रखना है, तो उन्हें इस मैच में जीत दर्ज करनी ही होगी, क्योंकि ड्रॉ सीरीज से गत चैंपियन इंग्लैंड यह ट्रॉफी बरकरार रखेगा. ऑस्ट्रेलियाई टीम इस साल टेस्ट सीरीज में भारत में मिली 0-4 की हार से लगातार छह टेस्ट गंवा चुकी है और ऐसा 1984 के बाद पहली बार हुआ है, जिसमें उन्होंने अंतिम बार लगातार सात टेस्ट में शिकस्त मिली थी. वार्नर मौजूदा सीरीज के पहले दो टेस्ट मैचों में नहीं खेले थे, क्योंकि पिछले महीने चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के चिर प्रतिद्वंद्वी टीम से हारने के बाद उन्होंने बर्मिंघम के बार में इंग्लैंड के खिलाड़ी जो रुट को घूंसा मारा था, जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था. इस 26 वर्षीय को ऑस्ट्रेलियाई ए टीम में चुना गया, जिसमें उन्होंने पिछले हफ्ते प्रिटोरिया में दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ 193 रन बनाये, लेकिन वह घरेलू टीम के विकेटकीपर को अपशब्द कहने से विवाद में फंस गया.
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल का मानना है कि अगर वार्नर को चुना गया, तो उससे पारी का आगाज कराना चाहिए, लेकिन इसका मतलब होगा कि ऑस्ट्रेलियाई कोच डैरेन लेहमैन को सलामी बल्लेबाज शेन वाटसन और क्रिस रोजर्स की जोड़ी में से एक को चुनना होगा. वार्नर के लिए बीच का रास्ता भी अपनाया जा सकता है.
मैं खेलता रहूंगा : क्लार्क
मैनचेस्टर त्र माइकल क्लार्क ने बुधवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया की हाल में लगातार हार से उनके टेस्ट करियर पर असर नहीं पड़ेगा. ऑस्ट्रेलिया लगातार दो हार के बाद गुरुवार से शुरू होनेवाले तीसरे एशेज टेस्ट मैच में वापसी की कोशिश करेगा. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया को भारत दौरे में चारों टेस्ट मैच गंवाने पड़े थे. इस तरह से उसकी टीम लगातार छह टेस्ट मैच हार चुकी है. यह 1984 के बाद उसका सबसे बुरा प्रदर्शन है. तब वेस्टइंडीज की मजबूत टीम ने उसे लगातार पांच मैचों में हराया था. तत्कालीन कप्तान किम ह्यूज तब रो पड़े थे और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन क्लार्क ने कहा कि वह ह्यूज का अनुसरण नहीं करेंगे और अभी उनका टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है.