नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड के चोटी के पदाधिकारियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा उसके दरकिनार किये गये अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को हितों के टकराव के आधार पर किसी भी तरह के चुनाव लड़ने से रोकने को लेकर आज चुप्पी साधे रखी. श्रीनिवासन की कंपनी इंडिया सीमेंट आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स की मालिक है और […]
नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड के चोटी के पदाधिकारियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा उसके दरकिनार किये गये अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को हितों के टकराव के आधार पर किसी भी तरह के चुनाव लड़ने से रोकने को लेकर आज चुप्पी साधे रखी.
श्रीनिवासन की कंपनी इंडिया सीमेंट आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स की मालिक है और तमिलनाडु का यह दिग्गज यदि बीसीसीआई अध्यक्ष के रुप में अपनी शक्ति को बरकरार रखना चाहता है तो वह महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई वाली इस लोकप्रिय फ्रेंचाइजी से अपना स्वामित्व और हिस्सेदारी त्याग सकता है. श्रीनिवासन ने चेन्नई में अपने आवास के बाहर प्रतीक्षारत मीडियाकर्मियों से बात करने से इन्कार कर दिया जबकि बीसीसीआई के अन्य अधिकारियों ने भी उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की.
हालांकि बीसीसीआई अधिकारियों ने इतना स्पष्ट किया कि केवल श्रीनिवासन ही अपने भविष्य को लेकर फैसला करेंगे. क्योंकि उन्हें बीसीसीआई और फ्रेंचाइजी में से किसी एक को चुनना है. बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी और श्रीनिवासन के वफादार ने गोपनीयता की शर्त पर प्रेस ट्रस्ट से कहा, श्रीनिवासन निश्चित तौर पर अपनी कानूनी टीम से चर्चा करके फैसला करेंगे.
उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला दे दिया है और अब जो भी निर्णय किया जाता है उसमें जाहिर है कि काफी निहितार्थ शामिल हैं. फैसले का गहन अध्ययन करने और फिर निष्कर्ष पर पहुंचने की जरुरत है. लेकिन मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं कि बीसीसीआई में अब भी बहुमत श्रीनिवासन के पक्ष में है. पूर्व क्षेत्र की इकाई के एक प्रमुख अधिकारी ने श्रीनिवासन के करीबी काशी विश्वनाथन से बात की और उनका मानना है कि आईसीसी चेयरमैन अभी हार मानने के लिये तैयार नहीं है.
अधिकारी ने कहा, श्रीनिवासन गुट में यह माना जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने नियम और शर्तें रख दी हैं लेकिन यह नहीं कहा है कि यदि वह अपना स्वामित्व त्याग देते हैं तो वह चुनाव लड सकते हैं. लेकिन हां अभी किसी निष्कर्ष नहीं पहुंचा जा सकता है. हम पूरी प्रक्रिया पर करीबी निगाह रखे हुए हैं. यदि श्रीनिवासन चुनाव नहीं लडते तो फिर पूर्वी क्षेत्र की अधिकतर इकाइयां तब जगमोहन डालमिया को अध्यक्ष के लिये अपना उम्मीद्वार बनाएंगी.
बीसीसीआई के एक अन्य शीर्ष अधिकारी को लगता है कि श्रीनिवासन को ऐसी किसी स्थिति से बच सकते हैं और वह कानूनी प्रक्रिया जारी रहने तक जगमोहन डालमिया को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनने की अनुमति दे सकते हैं. बीसीसीआई को अपनी एजीएम (जरुरत पडने पर चुनाव) के लिये छह सप्ताह का समय दिया गया है और ऐसे में सभी की निगाह श्रीनिवासन के अगले कदम पर होंगी.