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फ्लिंटाफ ने कहा, दो दशक पहले और भी खराब छींटाकशी होती थी

लंदन : छींटाकशी पर नकेल कसने की आईसीसी की मुहिम से भले ही ऐसा लग रहा हो कि खिलाडियों का बर्ताव अब बदतर हो गया है लेकिन इंग्लैंड के पूर्व हरफनमौला एंड्रयू फ्लिंटाफ का मानना है कि दो दशक पहले मैदानी छींटाकशी का स्तर और भी खराब था. आईसीसी ने चेताया है कि अगले महीने […]

लंदन : छींटाकशी पर नकेल कसने की आईसीसी की मुहिम से भले ही ऐसा लग रहा हो कि खिलाडियों का बर्ताव अब बदतर हो गया है लेकिन इंग्लैंड के पूर्व हरफनमौला एंड्रयू फ्लिंटाफ का मानना है कि दो दशक पहले मैदानी छींटाकशी का स्तर और भी खराब था.

आईसीसी ने चेताया है कि अगले महीने विश्व कप के दौरान छींटाकशी करने वाले खिलाडियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जायेगी. हाल ही में त्रिकोणीय वनडे श्रृंखला के दौरान भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा से उलझने के कारण डेविड वार्नर पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया.
फ्लिंटाफ ने कहा कि दो दशक पहले इससे भी खराब भाषा का इस्तेमाल होता था. उन्होंने कहा , बीस साल पहले छींटाकशी इससे भी खराब होती थी. अब तो स्टम्प माइक्रोफोन और कैमरों के कारण सब कुछ पता चल जाता है. उन्होंने कहा , दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मेरे शुरुआती टेस्ट में डेरिल कलीनन के साथ मेरा अनुभव बहुत खराब रहा.
मैं बहुत छोटा था और उसने मुझसे जो कहा, मुझे उसका मतलब भी नहीं पता था. उसने जो कहा , वह किसी भी खेल या समाज में स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ ऑस्ट्रेलियाई भाषा के इस्तेमाल को लेकर काफी बेहतर हैं , भले ही उन्हें सबसे आक्रामक माना जाता हो. उन्होंने कहा , एडम गिलक्रिस्ट को आक्रामक माना जाता है लेकिन वह कभी आपको आहत नहीं करते थे. शेन वार्न भी ऐसा ही था.

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