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फ्लेमिंग ने कहा, भारतीय गेंदबाजों को कुछ और मौके मिलने चाहिए

सिडनी : ऑस्ट्रेलिया के हाथों टेस्ट श्रृंखला में 0-2 की शिकस्त के दौरान भारतीय गेंदबाजी इकाई को भले ही चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा हो लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज डेमियन फ्लेमिंग ने जोर देकर कहा कि खिलाड़ियों के मौजूद समूह को बरकरार रखने से लंबे समय में फायदा मिलेगा. फ्लेमिंग ने कहा, […]

सिडनी : ऑस्ट्रेलिया के हाथों टेस्ट श्रृंखला में 0-2 की शिकस्त के दौरान भारतीय गेंदबाजी इकाई को भले ही चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा हो लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज डेमियन फ्लेमिंग ने जोर देकर कहा कि खिलाड़ियों के मौजूद समूह को बरकरार रखने से लंबे समय में फायदा मिलेगा.

फ्लेमिंग ने कहा, मैं इस गेंदबाजी इकाई को एक साथ रखना चाहता हूं जिससे कि वे सीखते रहे.ऐसा लग रहा हैं कि इशांत शर्मा के प्रदर्शन में निरंतरता आ रही है. उमेश यादव और वरुण एरोन के रूप में उनके पास दो ऐसे गेंदबाज हैं जो 90 मील प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं और साथ ही गेंद को भी स्विंग करा सकते हैं.

दुनिया में काफी सारे ऐसे गेंदबाज नहीं हैं जो ऐसा कर सकते हैं. इसलिए मैं उन्हें अधिक से अधिक खिलाना चाहूंगा.इस तेज गेंदबाज ने कहा, मोहम्मद शमी प्रभावी है लेकिन वह काफी तेज गति से गेंद नहीं करता और ना ही गेंद को अधिक मूव कराता है. वह औसत है.

भारत के साथ भुवनेश्वर कुमार भी है जिसे स्विंग गेंदबाजी का तोहफा मिला है और अनुकूल हालात में भारत उसे खिला सकता है. फ्लेमिंग का मानना है कि मोहम्मद शमी और ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन जैसे गेंदबाज कुछ मौकों पर विकेट चटका सकते हैं लेकिन इसके लिए कीमत चुकानी पड़ती है और समय आ गया है कि ये दोनों अपने प्रदर्शन में सुधार करें.

क्रिकेटर से कमेंटेटर बने फ्लेमिंग ने कहा, गेंदबाजी में निरंतरता की इतनी कमी है कि इससे टीम की पूरी रणनीति प्रभावित होती है. मुझे लगता है कि उनके गेंदबाज मानसिक रूप से मजबूत नहीं हैं. उनकी गेंदबाजी में अपरिपक्वता दिखती है. वे काफी जल्दी काफी कुछ हासिल करना चाहते हैं और संभवत: यह मौजूदा क्रिकेटरों की पीढ़ी में ही है. टेस्ट क्रिकेट में धैर्य की जरूरत होती है और यह उनकी गेंदबाजी से नदारद है. भारतीय गेंदबाज ने चार टेस्ट की श्रृंखला के दौरान ना सिर्फ काफी रन लुटाए बल्कि वे ऑस्ट्रेलिया के 20 विकेट भी चटकाने में विफल रहे और फ्लेमिंग का मानना है कि मेहमान टीम के गेंदबाजों को मेजबान टीम के गेंदबाजों से सबक लेना चाहिए.

फ्लेमिंग ने कहा, भारतीय गेंदबाजों की लेंथ में सुधार की जरूरत है. उदाहरण के लिए उन्हें यह देखने की जरूरत है कि रेयान हैरिस अपनी अधिकांश गेंद कहां फेंकता है और उन्हें लगातार उसी स्थान पर गेंदबाजी करनी होगी.वह बल्लेबाज को काफी गेंद खेलने के लिए मजबूर करता है और भारत को भी यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वे ऑफ स्टंप पर गेंदबाजी करें. उन्होंने कहा, कुल मिलाकर भारत ऐसे खिलाड़ियों का समूह है जो घरेलू सरजमीं पर आसानी से जीत सकता है.

लेकिन उन्हें विदेशी सरजमीं पर जीतने के लिए बेहतर खेलना सीखना होगा और ऑस्ट्रेलिया सहित विश्व क्रिकेट की सभी टीम अभी यही करने का प्रयास कर रही हैं. भारतीय गेंदबाजों ने सिडनी में चौथे और अंतिम टेस्ट के चौथे दिन भी निराश किया जब उन्होंने एक सत्र में 213 रन खर्च करके ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए प्रयास करने का मौका दे दिया था.

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