हरारे : उन्हें भारत का अगला राहुल द्रविड़ कहा जाता है और टेस्ट मैचों में वह अपनी काबिलियत अच्छी तरह से साबित कर चुके हैं लेकिन चेतेश्वर पुजारा को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के लिये लंबा इंतजार करना पड़ा जो कल यहां जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले मैच में समाप्त हो सकता है. पुजारा ने 2010 में टेस्ट मैचों में पदार्पण कर लिया था लेकिन उनकी रक्षात्मक तकनीक को वनडे के अनुकूल नहीं माना गया. इस बीच उन्होंने टेस्ट मैचों में कई जोरदार पारियां खेली. सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने 13 टेस्ट मैचों में 65.55 की औसत से 1180 रन बनाये हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें वनडे टीम में जगह नहीं मिली.
आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन करने के बाद माना जा रहा था कि पुजारा को इंग्लैंड में चैंपियन्स ट्राफी की टीम में चुन लिया जाएगा लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज किया. अब तक टेस्ट मैचों में चार शतक लगाने वाले मध्यक्रम के इस बल्लेबाज को अब कई सीनियर खिलाड़ियों को विश्रम देने के कारण वनडे टीम में जगह मिली है.
पुजारा इस मौके का पूरा फायदा उठाकर वनडे में अपनी जगह पक्की करना चाहेंगे. उन्होंने दौरे से पहले कहा था, ‘‘मेरे बेसिक्स सही है यह केवल परिस्थितियों के हिसाब से खेलने से जुड़ा मसला है तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक मैच खेलने से यह सीख भी मिल जाती है. ’’ घरेलू स्तर पर पुजारा सीमित ओवरों के मैच खेलते रहे हैं. उन्होंने अब तक लिस्ट ए 61 मैच खेले हैं जिनमें 56 . 97 की औसत से 2735 रन बनाये हैं. इसमें आठ शतक भी शामिल हैं.पुजारा की तरह अंबाती रायुडु भी पिछले लंबे समय भारतीय टीम में जगह बनाने के दावेदारों में शामिल रहे है. वह बीच में आईसीएल से जुड़ गये जिनके कारण उनकी राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की उम्मीदों का झटका लगा था. रायुडु का भारत की तरफ से खेलने का लंबा इंतजार भी यहां समाप्त हो सकता है.
रायुडु पिछले 12 साल से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक भारत की तरफ से खेलने का मौका नहीं मिला है. उन्होंने प्रथम श्रेणी में 80 मैच और लिस्ट ए में 61 मैच खेले हैं. आईपीएल में मुंबई इंडियन्स की तरफ से उन्होंने प्रभावशाली प्रदर्शन करके चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा. वेस्टइंडीज दौरे में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल होने पर रायुडु को भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला था. रायुडु जरुरत पड़ने पर विकेटकीपर की भूमिका भी निभा सकते हैं.तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को भी वनडे में पदार्पण का मौका मिल सकता है. उन्होंने 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच खेला था लेकिन उसके बाद उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला.
भारतीय टीम में दो नये चेहरे परवेज रसूल और मोहित शर्मा हैं. रसूल जम्मू कश्मीर के पहले क्रिकेटर हैं जिन्हें भारतीय टीम में चुना गया है. यह आफ स्पिनर जरुरत पड़ने पर उपयोगी बल्लेबाजी भी कर सकता है. मोहित को आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने का इनाम मिला है. यदि इन पांचों खिलाड़ियों को जिम्बाब्वे में पदार्पण का मौका मिलता है तो वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों की संख्या 200 पर पहुंच जाएगी.