दुबई : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने आज स्वीकार किया कि आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पहले एशेज टेस्ट के दौरान अंपायरों ने सात गलतियां की जिसमें से चार को निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का इस्तेमाल करके सुधार लिया गया.
तकनीक के इस्तेमाल को लेकर छिड़ी ताजा बहस के बाद आईसीसी का यह बयान आया है. जिन तीन फैसलों को सुधार नहीं किया जा सका उसमें जोनाथन ट्राट का विकेट शामिल है जिन्हें मैदानी अंपायर ने पगबाधा की अपील पर नाट आउट करार दिया था लेकिन इस सही फैसले को बदल दिया गया
एक अन्य मामला स्टुअर्ट ब्राड :स्लिप में कैच और पगबाधा: से जुड़ा था लेकिन इन्हें सुधारा नहीं जा सका क्योंकि आस्ट्रेलिया के पास कोई रिव्यू नहीं बचा था. आईसीसी ने अंपायरों और डीआरएस के आकलन के बाद यह बात कहीं.
इंग्लैंड ने नाटिंघम में पहला टेस्ट 14 रन से जीता था. आईसीसी ने कुल 72 फैसले किए जो डीआरएस टेस्ट मैच के औसत (49) से काफी अधिक है.आईसीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘आकलन किया गया कि मैच के दौरान अंपायरिंग टीम ने सात गलतियां की जिसमें से तीन गलत फैसले थे और चार को डीआरएस का इस्तेमाल करके ठीक कर लिया गया.’’