दुबई-कराची: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने दुनिया के नंबर एक वनडे गेंदबाज सईद अजमल को अवैध गेंदबाजी एक्शन के चलते आज निलंबित कर दिया है. इधर इस मामले पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पहल करते हुए आइसीसी के फैसले के खिलाफ जाने का फैसला लिया है.
आइसीसी ने बयान में कहा, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आज पुष्टि करती है कि स्वतंत्र विश्लेषण में पाकिस्तान के आफ स्पिनर सईद अजमल का गेंदबाजी एक्शन अवैध पाया गया है और इसके कारण इस खिलाड़ी को तुरंत प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी से निलंबित कर दिया गया है. इस 36 वर्षीय गेंदबाज के एक्शन के विश्लेषण से पता चला कि उनकी सभी गेंदें नियमों का उल्लंघन करती हैं. नियमों के अनुसार कोई गेंदबाज 15 डिग्री तक कोहनी मोड सकता है लेकिन अजमल गेंदबाजी करते समय इस सीमा से अधिक कोहनी मोडते हैं.
आइसीसी ने बयान में कहा, अजमल के एक्शन की रिपोर्ट पिछले महीने श्रीलंका के खिलाफ गाले में पहले टेस्ट मैच के बाद की गयी. वह संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिये रिपोर्ट किये गये गेंदबाजों की समीक्षा के लिये बने नियम के खंड 2.4 के अनुसार अपने गेंदबाजी एक्शन में सुधार करने के बाद इसके फिर से आकलन के लिये आवेदन कर सकते हैं. अजमल के गेंदबाजी का विश्लेषण ब्रिस्बेन के नेशनल क्रिकेट सेंटर में आईसीसी से मान्यता प्राप्त मानव गति विशेषज्ञों की टीम ने 25 अगस्त को किया था.
मैदानी अंपायरों बेन ओक्सेनफोर्ड और इयान गाउल्ड ने अजमल के एक्शन के बारे में मैच रेफरी एंडी पायक्राफ्ट को शिकायत की थी. वह दूसरे मैच में खेले थे लेकिन उनकी टीम मैच और श्रृंखला हार गयी थी.
अजमल ने पाकिस्तान की तरफ से 35 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 178 विकेट लिये हैं. उनका वनडे रिकार्ड काफी प्रभावशाली है. उन्होंने 111 मैचों में 183 विकेट हासिल किये हैं. उन्होंने 63 टी20 मैचों में हिस्सा लिया है जिसमें उन्हें 85 विकेट मिले हैं. इस गेंदबाज ने कहा कि वह इस चुनौती से निपटते हुए वापसी करने और अगले साल आइसीसी विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व करने को तैयार हैं.
अजमल ने फैसलाबाद से कहा, ब्रिस्बेन में हुए बायोमैकेनिक परीक्षा का नतीजा निराशाजनक है लेकिन मैंने हार नहीं मानी है. मैं इस प्रतिबंध को बडी समस्या नहीं मानता क्योंकि मुझे पता है कि मैं कमियों को दूर करके वापसी कर सकता हूं.
उन्होंने कहा, मैं विश्व कप में खेलना चाहता हूं और अपनी टीम को अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखना चाहता हूं. टूर्नामेंट के लिए तैयार होने के लिए मैं हरसंभव प्रयास करुंगा. मैं जुझारु हूं और मुझे पता है कि विश्व कप से पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिए क्या करना है. अजमल के एक्शन की पहली रिपोर्ट 2009 में की गयी थी जो उनका पदार्पण वर्ष भी लेकिन पर्थ स्थित यूनिवर्सिटी आफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें हरी झंडी दे दी थी. इस गेंदबाज को उनके दूसरा के लिये रिपोर्ट किया गया था.
इस बार आइसीसी ने अंपायरों द्वारा रिपोर्ट किये गये गेंदबाजों के एक्शन की जांच का स्थान बदल दिया और अब यह ब्रिस्बेन में किया जाता है. जाहिर है कि बदलाव इसलिए किया गया क्योंकि पर्थ के बायोमैकेनिक्स द्वारा अधिकतर गेंदबाजों को पाक साफ करार दिया जाने लगा था.