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संन्यास पर बोलीं मिताली राज- कोच से विवाद नहीं बल्कि ये थी टी-ट्वेंटी से रिटायरमेंट की बड़ी वजह

नयी दिल्ली: भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने बीते 03 सितंबर को टी-ट्वेंटी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. अब वो अपना पूरा ध्यान साल 2021 में आयोजित होने वाले एकदिवसीय विश्व कप में लगाना चाहती हैं. संन्यास का फैसला और भविष्य के कार्यक्रम को लेकर मिताली ने एक समाचार एजेंंसी […]

नयी दिल्ली: भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने बीते 03 सितंबर को टी-ट्वेंटी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. अब वो अपना पूरा ध्यान साल 2021 में आयोजित होने वाले एकदिवसीय विश्व कप में लगाना चाहती हैं. संन्यास का फैसला और भविष्य के कार्यक्रम को लेकर मिताली ने एक समाचार एजेंंसी से विस्तार से बातचीत की.

‘महिला खिलाड़ियों को मिला सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट’

मिताली ने इस फॉर्मेट से संन्यास के बाद बीसीसीआई का धन्यवाद किया. मिताली ने कहा कि जब साल 2006 में महिला क्रिकेट को बोर्ड के अधीन लाया गया तो इससे टीम को काफी फायदा मिला. सबसे महत्वपूर्ण बात तो ये थी कि महिला खिलाड़ियों को भी सालाना कॉन्ट्रैक्ट मिला जिससे उन्हें आर्थिक सिक्योरिटी मिली. बोर्ड ने टीम को बेहतरीन कोचिंग और सपोर्टिंग स्टाफ मुहैया करवाए जिसका प्रभाव प्रदर्शन पर पड़ा.

‘बीसीसीआई के अधीन आकर मिला फायदा’

मिताली ने कहा कि बीसीसीआई के अधीन आने के बाद भारतीय महिला टीम को भी ज्यादा से ज्यादा प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट खेलने का मौका मिला. खिलाड़ियों ने देश के बाहर जाकर अलग-अलग परिस्थितियों में क्रिकेट खेला जिससे प्रदर्शन में सुधार आया. केवल यही नहीं. भारतीय खिलाड़ी विदेशों में जाकर लीग की टीमों के साथ खेलीं जिसका फायदा खिलाड़ियों को व्यक्तिगत स्तर पर तो मिला ही, टीम को भी काफी फायदा हुआ. मिताली ने कहा कि आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट का हिस्सा बनना वाकई सुखद अहसास था.

‘वनडे विश्व कप की तैयारी के लिए लिया संन्यास’

मिताली राज ने अपने संन्यास और आगे के प्लान के बारे में भी विस्तार से बात की. मिताली ने कहा कि, संन्यास का फैसला मैंने इस साल जनवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरिज के दौरान ही ले लिया था. उन्होंने कहा कि मैंने अपने फैसले से कोच डब्ल्यूवी रमन, मुख्य चयनकर्ता और कप्तान हरमनप्रीत कौर को अवगत करवा दिया था. मिताली ने कहा कि, ‘अगले साल ऑस्ट्रेलिया में टी-ट्वेंटी वर्ल्ड होने जा रहा है. मैं चाहती थी कि कप्तान और कोच कुछ नई प्रतिभाओं को आजमाए और मेरा विकल्प तैयार करे. उन्हें इसका समय देने के लिए ही मैंने संन्यास का फैसला किया है’.

‘संन्यास का पवार से विवाद का कोई संबंध नहीं’

मिताली ने जब क्रिकेट के इस फॉर्मेट से संन्यास का एलान किया तो कई लोगों ने आशंका जताई कि इस दिग्गज क्रिकेट ने संन्यास का फैसला पूर्व कोच रमेश पवार के साथ टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप के दौरान हुए विवाद के कारण लिया है. हालांकि मिताली ने इसका खंडन किया. उन्होंने कहा कि रमेश पवार से विवाद का मेरे संन्यास से कोई लेना-देना नहीं है. मिताली ने कहा कि ये मेरा करियर है और किसी और की वजह से प्रभावित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि मैं एकदिवसीय विश्व कप जीतूं. 2021 में विश्व कप खेला जाने वाला है और मैं अपनी पूरी ताकत इसमें झोंकना चाहती थी.

‘आईसीसी ने भी दिया महिलाओं को बढ़ावा’

उन्होंने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी का भी धन्यवाद किया. मिताली ने कहा कि, आईसीसी लगातार वनडे और टी-ट्वेंटी टू्र्नामेंट अथवा द्विपक्षीय सीरिज आयोजित करवाता रहता है ताकि लोग महिला क्रिकेट के प्रति आकर्षित हों. हाल के वर्षों में लोगों में महिला क्रिकेट के प्रति आकर्षण बढ़ा भी है. मिताली ने कहा कि टेस्ट मैचों में लोगों की रूचि कम है लेकिन धीरे-धीरे इसमें भी रोमांच आएगा और लोगों की रूचि बढ़ेगी.

टी-ट्वेंंटी में मिताली का है बढ़िया रिकॉर्ड

बता दें कि दो दिन पहले संन्यास का फैसला लेने वाली मिताली राज ने कुल 89 टी-ट्वेंटी खेले हैं जिनमें उन्होंने कुल 2364 रन बनाए. ऐसा करने वाली वो एकमात्र महिला क्रिकेटर हैं. मिताली ने कुल 32 मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व भी किया जिसमें से 17 में जीत मिली. उन्होंने तीन विश्व कप (2012, 2014 और 2016) में भी भारतीय टीम की अगुवाई की.

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