सिडनी : स्टीव स्मिथ के दूसरे एशज टेस्ट क्रिकेट मैच में जोफ्रा आर्चर के बाउंसर पर घायल होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के लिये ‘गर्दन की सुरक्षा’ वाला हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जा सकता है.
ऑस्ट्रेलिया फिलिप ह्यूज की मौत के बाद सुरक्षा उपाय अपनाने पर जोर दे रहा है. ह्यूज 2014 में शैफील्ड शील्ड मैच के दौरान बाउंसर से चोटिल हो गये थे और बाद में उनकी मौत हो गयी थी. इस घटना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने घरेलू मैचों में सिर में चोट लगने पर स्थानापन्न खिलाड़ी की व्यवस्था शुरू की थी.
अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भी यह नियम लागू कर दिया है तथा स्मिथ के बाहर होने के बाद मार्नस लाबुशेन इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को इस तरह से स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में उतरने वाले पहले क्रिकेटर बने.
ह्यूज की मौत के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों को गर्दन की सुरक्षा वाले हेलमेट पहनने की सिफारिश की गयी थी. इसे ‘स्टेम गार्ड्स’ कहा जाता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है और स्मिथ भी ऐसा हेलमेट पहनकर खेलने के लिये उतरे थे जिस पर ‘स्टेम गार्ड्स’ नहीं लगे थे.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के खेल विज्ञान एवं खेल चिकित्सा प्रमुख अलेक्स कोंटोरिस ने कहा कि इस तरह के हेलमेट पहनना जल्द ही अनिवार्य किया जा सकता है. उन्होंने खुलासा किया कि आईसीसी, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और हेलमेट निर्माताओं ने हाल में इसको लेकर समीक्षा भी की.
कोंटोरिस ने ‘सिडनी मार्निंग हेरल्ड’ से कहा, ‘हेलमेट निर्माताओं ने सही काम किया और (ह्यूज की मौत के बाद) एक नये तरह के हेलमेट को लेकर आये. उन्हें इसको तैयार करने का कोई ज्ञान नहीं था, लेकिन वे इस तरह की घटनाओं से बचने के लिये सुरक्षा कवच तैयार करने की कोशिश कर रहे थे.
उन्होंने कहा, लेकिन उसके बाद इस पर काफी शोध किया और अब हमें इस बारे में अच्छी जानकारी है. इससे पहले हमें सही उपकरण के बारे में पता नहीं था. कोंटोरिस ने कहा, निश्चित तौर पर हम इसे पहनना अनिवार्य करना चाहते हैं, लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे पास सही उपकरण हो. जब ऐसा हो जाएगा तो हम कह सकते हैं कि अब यह जरूरी है. अभी इसमें थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं.