लंदन : पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि इंगलैंड में नौ जुलाई से शुरू हो रही पांच टेस्ट की सीरीज में भारत की सफलता काफी हद तक उनके गेंदबाजों के सीरीज में प्रदर्शन पर निर्भर करेगा. एमसीजी के 200 वर्ष पूरे होने के मौके पर शेष भारत की ओर से खेल रहे द्रविड़ ने लॉर्ड्स पर कहा, मुझे लगता है कि महत्वपूर्ण 20 विकेट हासिल करने की क्षमता है.
द्रविड़ के नेतृत्व में भारत ने 2007 में इंगलैंड में तीन टेस्ट की सीरीज 1-0 से जीती थी और इंगलैंड की सरजमीं पर भारत की तीन सीरीज में जीत में से एक है. द्रविड़ ने कहा कि पिछली सीरीज में भारत की जीत में तेज गेंदबाज जहीर खान और अब संन्यास ले चुके लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने अहम भूमिका निभायी थी.
उन्होंने कहा, जब हमने 2007 में शृंखला जीती थी, तो जहीर ने शानदार गेंदबाजी की थी. लेकिन उसे अन्य गेंदबाजों से भी सहयोग मिला था. अनिल बेजोड़ थे, क्योंकि उसने एक छोर से रन नहीं बनने दिये और मैच को नियंत्रण में रखने में सफल रहा.
भारतीय टीम में अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा शामिल हैं, जो टीम में एकमात्र ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्हें इस दौर से पहले इंगलैंड में टेस्ट मैच खेलने का अनुभव है. लेकिन यह तेज गेंदबाज अभ्यास मैचों में लय में नजर नहीं आया. उनके अलावा टीम में भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद समी और स्टुअर्ट बिन्नी जैसे तेज गेंदबाज शामिल हैं.
द्रविड़ ने कहा कि भारतीय गेंदबाज अगर गेंद को स्विंग कराने में सफल नहीं होते, तो फिर इंगलैंड के बल्लेबाजों को परेशान करना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि उस (2007) सीरीज में तीनों तेज गेंदबाज गेंद को स्विंग कराने में सफल रहे थे और अगर भारतीय गेंद को ऊपर पिच करते हैं और स्विंग कराते हैं, तो उनके पास मौका रहेगा.ह्ण हालांकि कि द्रविड़ ने भरोसा जताया कि चेतेश्वर पुजारा, शिखर धवन और रोहित शर्मा जैसे युवा बल्लेबाज प्रभावी प्रदर्शन कर पायेंगे. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि उनमें से अधिकांश अच्छा प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने यहां भले ही टेस्ट मैच नहीं खेला हो, लेकिन वह यहां ए टीम के साथ आ चुके हैं.