देवघर : जिले में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए 1.90 लाख रुपये की लागत से बॉलिंग मशीन की खरीद की गयी थी़ लेकिन लाखों की लागत से खरीदी गयी बॉलिंग मशीन आज धूल फांक रही है. ऐसे में देवघर जिले से सचिन व विराट जैसे बल्लेबाज तैयार करने का सपना अब भी अधूरा ही रह गया है. जबकि जिला खेल प्राधिकरण ने दूधिया रोशनी में खेले गये डीपीएल मैच के फाइनल में ब्रेक लेकर मंत्री के हाथों बॉलिंग मशीन का भव्य अनावरण करवाया था. डीएसए की ओर से कहा गया था कि जल्द ही क्रिकेट अकादमी खोलकर विशेषज्ञ खिलाड़ी के माध्यम से जिले के 50 बच्चों को एक साथ बारीकियां सीखायेंगे.
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झारखंड: सपना बनकर रह गया देवघर में बेहतर क्रिकेटर बनना, पढ़ें पूरा मामला
देवघर : जिले में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए 1.90 लाख रुपये की लागत से बॉलिंग मशीन की खरीद की गयी थी़ लेकिन लाखों की लागत से खरीदी गयी बॉलिंग मशीन आज धूल फांक रही है. ऐसे में देवघर जिले से सचिन व विराट जैसे बल्लेबाज तैयार करने का सपना अब भी अधूरा ही […]
… तो बॉलिंग मशीन से खेल की तकनीक में आता बदलाव
बॉलिंग मशीन के जरिये बेहतर ट्रेनर की देखरेख में मशीन से जिले के बच्चे अपने खेल की तकनीक में बदलाव ला पाते और एक बेहतर बल्लेबाज तैयार हो पाते. अकादमी में 50 बच्चों की एक यूनिट तैयार करने की योजना थी. डीएसए की ओर से जो अकादमी संचालित करने की योजना थी. उसमें खिलाड़ियों को जिम की फैसिलिटी के साथ-साथ अत्याधुनिक उपकरणों से खिलाड़ियों को बैटिंग, स्पीन बॉलिंग व फिल्डिंग की सुविधा मिल पाती.
छह माह बाद भी मशीन से नहीं फेंकी गयी एक भी गेंद
अनावरण के छह माह के बाद भी न अकादमी तो खुला और न ही बालिंग मशीन से एक भी गेंद खिलाड़ियों के लिए फेंका गया. जबकि दूसरे अन्य शहरों खासकर कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, पुणे आदि में बॉलिंग मशीन के जरिये प्रैक्टिस कर प्रांतीय व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार होते हैं. मगर प्राधिकरण व जिला क्रिकेट एसोसिएशन के बीच आपसी सहमित नहीं बन पाने के कारण न अकादमी खुल सका और न खिलाड़ी ही तैयार हो सके. जबकि क्रिकेट का अगला सीजन शुरू होने की कवायद तेज है. ’बी’ डिवीजन से लेकर ‘ए’ डिवीजन के लीग क्रिकेट के लिए टीमों का रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुका है. खिलाड़ियों की मानें तो बॉलिंग मशीन के जरिये प्रैक्टिस करने का सपना देखा था. मगर न अब तक क्रिकेट की अकादमी खुली और न ट्रेनर आकर खिलाड़ियों को बारीकियां सिखा रहे हैं. हुनरमंद बन सकेंगे. बतातें चलें कि जिला प्रशासन के निर्देश के बाद एसपी माइंस, चितरा कोलयरी ने जनवरी महीने में सीएसआर फंड से बॉलिंग मशीन के कोटेशन के आधार पर 1.90 लाख रुपये का चेक प्रदान किया था. कोल माइंस के तत्कालीन जीएम पवन कुमार सिंह व जिला खेल प्राधिकरण के सचिव आशीष झा के बीच करार हुआ था.
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