नयी दिल्ली : बॉल टैंपरिंग के कारण क्रिकेट को एक बार फिर से शर्मसार होना पड़ा है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी केमरन बेनक्राफ्ट बॉल के साथ छेड़छाड़ करते हुए पकड़े गये. जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया के कप्तान और उपकप्तान को अपने पद से इस्तीफा तक देना पड़ा.
हालांकि मामला सामने आने के बाद ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज कैमरन बैनक्राफ्ट और कप्तान स्टीव स्मिथ ने स्वीकार किया कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने गेंद से छेड़खानी की.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि बॉल के साथ छेड़छाड़ के मामले में क्रिकेट को शर्मसार होना पड़ा हो. टैंपरिंग का दाग क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर भी लगे थे. हालांकि सचिन इस मामले में बेदाग साबित हुए.
1. बॉल टैंपरिंग का पहला मामला 1994 में सामने आया था. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लॉडर्स टेस्ट में इंग्लैंड के तत्कालीन कप्तान माइकल अथर्टन गेंद से छेड़छाड़ करते पकड़े गए थे. आईसीसी ने उन पर दो हजार पाउंड का जुर्माना लगाया था.
2. पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वकार युनूस बॉल टैंपरिंग के कारण सस्पेंड होने वाले पहले खिलाड़ी हैं. 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में उनको बॉल की सीम के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया गया. उसके बाद आईसीसी ने उन्हें एक मैच के लिए सस्पेंड कर दिया.
3. 2001 में सचिन तेंदुलकर पर बॉल के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था. पोर्ट एलिजाबेथ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सचिन पर आरोप लगा था कि उन्होंने बॉल के साथ छेड़छाड़ की. आईसीसी ने सचिन पर एक मैच का बैन लगाया था. हालांकि सचिन के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुआ था और आईसीसी ने बैन वापस ले लिया था.
4. 2006 में पाकिस्तानी टीम के खिलाफ बॉल टैंपरिंग का आरोप लगा था. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में जब पाक टीम आखिरी सत्र में खेलने के लिए नहीं उतरी तो अंग्रेजों को विजेता घोषित कर दिया गया था.
5. 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 में पाकिस्तान के ऑल राउंडर शाहिद अफरीदी पर बॉल के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया गया था. अफरीदी पर आरोप लगा था कि उन्होंने बॉल के एक हिस्से को दांतों से चबाया था. अफरीदी ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था. ये बस हो गया. मैं मैच जीतने के लिए अपने बॉलरों की मदद करना चाहता था. मेरे तरीके गलत थे. मैं शर्मिंदा हूं. मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था. मैं बस गेम जीतना चाहता था लेकिन ऐसा करना वास्तव में गलत था.
6. 2016 में फॉफ डूप्लेसी को बॉल के साथ छेडछाड़ करते देखा गया. उन्हें आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.2.9 का दोषी पाया गया था. आईसीसी ने डू प्लेसी पर मैच फीस का 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट में खेले गए दूसरे टेस्ट के चौथे दिन डू प्लेसी ने गेंद को चमकाते समय कृतिम पदार्थ लगाया था.
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