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श्रीसंत अब कभी नहीं खेल पाएंगे क्रिकेट ?, केरल हाईकोर्ट ने फैसला बदला, बहाल किया बैन
कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के संदर्भ में क्रिकेटर एस श्रीसंत पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा लगाए गये आजीवन प्रतिबंध को मंगलवार को बहाल कर दिया. मुख्य न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह और न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन की पीठ ने एकल न्यायाधीश की पीठ के खिलाफ बीसीसीआई की […]
कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के संदर्भ में क्रिकेटर एस श्रीसंत पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा लगाए गये आजीवन प्रतिबंध को मंगलवार को बहाल कर दिया.
मुख्य न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह और न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन की पीठ ने एकल न्यायाधीश की पीठ के खिलाफ बीसीसीआई की याचिका पर यह फैसला सुनाया. एकल पीठ ने 34 साल के तेज गेंदबाज श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया था.
खंडपीठ ने कहा कि क्रिकेट के खिलाफ प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन नहीं हुआ है और श्रीसंत के पक्ष में आए एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया. बीसीसीआई ने अपनी अपील में कहा था कि इस क्रिकेटर पर प्रतिबंध लगाने का फैसला उसके खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर लिया गया था.
न्यायमूर्ति ए मोहम्मद मुश्ताक की एकल पीठ ने सात अगस्त को श्रीसंत पर लगे बीसीसीआई के आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया था और बोर्ड द्वारा उनके खिलाफ चलाई जा रही सभी तरह कार्वाई पर भी रोक लगा दी थी.
श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंदीला सहित स्पॉट फिक्सिंग मामले में सभी 36 आरोपरियों को जुलाई 2015 में पटियाला हाऊस अदालत ने आपराधिक मामले से बरी कर दिया था. श्रीसंत ने 2015 में श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में एकदिवसीय मैच के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया. उन्होंने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया. श्रीसंत ने 27 टेस्ट में 37.59 के औसत से 87 विकेट जबकि वनडे में 53 मैचों में 33 . 44 की औसत से 75 विकेट चटकाए.
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