बेंगलूर : गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ कथित सट्टेबाजी के आरोपों की जांच कर रहे सेवानिवृत न्यायाधीश टी जयराम चाउता ने आज बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की ओर से किसी तरह के दखल से इनकार करते हुए कहा कि उनकी जांच को कोई प्रभावित नहीं कर सकता.
कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश चाउता ने कहा ,‘‘ जहां तक मेरा सवाल है तो कोई मुङो प्रभावित नहीं कर सकता. यदि श्रीनिवासन भी आते हैं, तो भी नहीं. मैं निष्पक्ष होकर संविधान के अनुसार काम करुंगा.’’बीसीसीआई ने कल राजस्थान रायल्स के तीन खिलाड़ियों और उसकी फ्रेंचाइजी और चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ आरोपों की जांच के लिये तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया. मयप्पन चेन्नई टीम के प्रिंसिपल हैं. आयोग में न्यायमूर्ति चाउता, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर बालासुब्रहमण्यन और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले शामिल हैं.
चाउता ने कहा कि जांच के दायरे के बारे में वह तभी बता सकेंगे जब बोर्ड से उन्हें लिखित सूचना मिलेगी. उन्होंने कहा ,‘‘ मुङो अभी तक कोई लिखित सूचना नहीं मिली है लिहाजा मैं इस पर बोल नहीं सकता. लिखित सूचना मिलने के बाद ही जांच के दायरे के बारे में बोल पाउंगा.’’ चाउता ने कहा कि आयोग बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को पद से हटने के लिये नहीं कहेगा. उन्होंने कहा ,‘‘ हम श्रीनिवासन से पद से हटने के लिये नहीं कहेंगे. यदि वह चाहते हैं तो इस्तीफा दे सकते हैं लेकिन उनसे इस्तीफे के लिये कहना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है.’’