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टी20 वर्ल्ड कप:भारत को हराकर श्रीलंका बना विश्व चैंपियन

मीरपुर: श्रीलंका ने बेहतरीन गेंदबाजी और रणनीतिक बल्लेबाजी का बेजोड नमूना पेश करके आज यहां भारत को छह विकेट से पराजित करके पहली बार आईसीसी विश्व टी20 चैंपियनशिप का खिताब जीतकर अपने दिग्गज बल्लेबाजों माहेला जयवर्धने और कुमार संगकारा को शानदार विदाई दी. श्रीलंका ने भारत को खेल के हर विभाग में मात दी. उसके […]

मीरपुर: श्रीलंका ने बेहतरीन गेंदबाजी और रणनीतिक बल्लेबाजी का बेजोड नमूना पेश करके आज यहां भारत को छह विकेट से पराजित करके पहली बार आईसीसी विश्व टी20 चैंपियनशिप का खिताब जीतकर अपने दिग्गज बल्लेबाजों माहेला जयवर्धने और कुमार संगकारा को शानदार विदाई दी.

श्रीलंका ने भारत को खेल के हर विभाग में मात दी. उसके गेंदबाजों ने बेहद नियंत्रित गेंदबाजी की और बाद में संगकारा की अगुवाई में बल्लेबाजों ने 13 गेंद शेष रहते ही टीम को लक्ष्य तक पहुंचा दिया. इसके साथ उसने भारतीय टीम से 2011 में एकदिवसीय विश्व कप में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया.

बारिश के कारण 40 मिनट की देरी के बाद जब मैच शुरु हुआ तो भारतीय पारी कोहली के इर्द गिर्द घूमती रही. उन्होंने 58 गेंदों पर 77 रन बनाये. भारत की तरफ से चारों छक्के कोहली ने जमाये और आठ में से पांच चौके उनके बल्ले से निकले. अन्य बल्लेबाजों विशेषकर युवराज सिंह के धीमे खेल के कारण बल्लेबाजी का न्यौता पाने वाला भारत चार विकेट पर 130 रन ही बना पाया.

श्रीलंका ने सहजता से 17 . 5 ओवर में चार विकेट पर 134 रन बनाकर पहली बार विश्व टी20 चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. अपना आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे संगकारा 35 गेंद पर छह चौकों और एक छक्के की मदद से 52 रन बनाकर नाबाद रहे. जयवर्धने ने 24 रन की पारी खेली जबकि विजयी चौका जडने वाले तिसारा परेरा 14 गेंद पर 21 रन बनाकर नाबाद रहे.इस जीत से श्रीलंका ने फाइनल में हारने का मिथक भी तोड दिया. पिछले सात वर्षों में आईसीसी टूर्नामेंटों में पांच बार फाइनल में पहुंचने वाले श्रीलंका को पहली बार जीत मिली. उसने भारत का दो बार टी20 विश्व कप जीतने का सपना पूरा नहीं होने दिया.

भारतीयों की धीमी बल्लेबाजी आखिर में उन पर भारी पडी. कोहली ने रोहित शर्मा (26 गेंद पर 29 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिये 60 और युवराज (21 गेंद पर 11 रन) के साथ तीसरे विकेट के लिये 55 रन की साङोदारी की जिसमें उनके सहयोगियों का योगदान बहुत कम था. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी आखिरी दो ओवरों में तेजी से रन बनाने में नाकाम रहे और सात गेंदों पर चार रन बनाकर नाबाद रहे.

आलम यह था कि भारतीय बल्लेबाज आखिरी चार ओवरों में गेंद को सीमा रेखा तक नहीं पहुंचा पाये, लेकिन इस बीच 24 गेंदों में कोहली को केवल नौ गेंद ही खेलने को मिली. श्रीलंका के गेंदबाजों की तारीफ करनी होगी जिन्होंने आखिरी चार ओवरों में केवल 19 रन दिये.

श्रीलंका के सामने बडा लक्ष्य नहीं था लेकिन उसकी शुरुआत अच्छी नहीं रही. मोहित शर्मा ने पारी के दूसरे ओवर में अपनी पहली गेंद पर कुसाल परेरा (5) को मिड आफ पर कैच करा दिया लेकिन हरियाणा के इस गेंदबाज के अगले ओवर में 15 रन बने जिसमें तिलकरत्ने दिलशान (18) के दो चौके भी शामिल हैं.

इस बीच जयवर्धने टी20 विश्व कप में 1000 रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज बने. उन्होंने भुवनेश्वर कुमार पर लगातार दो चौके लगाये. धोनी को पावरप्ले का आखिरी ओवर अश्विन को सौंपना पडा जिन्होंने दिलशान को सीमा रेखा पर कोहली के हाथों कैच कराकर टीम को कुछ राहत दिलायी.

अब श्रीलंका के दो दिग्गज क्रीज पर थे. संगकारा ने रविंद्र जडेजा का स्वागत स्क्वायर लेग पर चौका और स्वीप शाट से छक्का जडकर किया, लेकिन जयवर्धने के साथ उनकी साङोदारी केवल 24 रन तक ही चली. सुरेश रैना की गेंद पर क्रास बल्ले से लगाया गया जयवर्धने का शाट मिडविकेट पर अश्विन ने खूबसूरत कैच में तब्दील कर दिया.

अमित मिश्र ने लाहिरु तिरिमाने (7) को ज्यादा देर नहीं टिकने दिया और भारत की वापसी की उम्मीद जगायी. धोनी ने रैना ने चार ओवर करवाये जिसमें उन्होंने 24 रन देकर एक विकेट लिया. मिश्र ने अपने पहले दो ओवर में केवल चार रन दिये थे लेकिन उनके तीसरे ओवर में तिसारा परेरा के छक्के और संगकारा के चौके से रन और गेंदों के बीच का अंतर बहुत कम हो गया.

मिश्र ने आखिर में चार ओवर में 32 रन लुटाये. संगकारा ने अश्विन पर लगातार दो चौके जडकर अर्धशतक पूरा किया जबकि तिसारा ने इसी ओवर में विजयी चौका लगाया.इससे पहले भारतीय रन मशीन कोहली को दूसरे ओवर में ही क्रीज पर कदम रखना पडा. अंजिक्य रहाणो पहले ओवर में कुछ असहज पल बिताने के बाद अगले ओवर में एंजेलो मैथ्यूज की गेंद विकेट पर खेल गये.

रोहित ने पांचवां ओवर करने के लिये स्पिनर सचित्र सेनानायके पर डीप स्क्वायर लेग और फिर लेसिथ मालिंगा पर उनके सिर के उपर से चौका जमाया. इससे पहले कोहली ने तीसरे ओवर में कुलशेखरा की गेंद मिडविकेट से चार रन के लिये भेजी थी. पावरप्ले में भारत की तरफ से केवल इन तीन अवसरों पर ही गेंद सीमा रेखा तक गयी. इन छह ओवरों में भारत ने एक विकेट पर 31 रन बनाये.

बायें हाथ के स्पिनर रंगना हेराथ ने इसके तुरंत बाद गेंद संभाली. उनकी पहली गेंद पर कोहली को जीवनदान मिला. मालिंगा मिड आन पर उनका कैच लेने में नाकाम रहे. भारतीय बल्लेबाज ने इसी ओवर की आखिरी गेंद मिड आफ पर छक्के के लिये भेजकर इसका शानदार जश्न मनाया.

मैथ्यूज ने अपने पहले तीन ओवर में केवल 11 रन दिये थे लेकिन उनके चौथे ओवर में 14 रन गये. इनमें कोहली का डीप मिडविकेट पर लगाया गया छक्का भी शामिल है. इससे भारत का स्कोर दस ओवर में एक विकेट पर 64 रन पर पहुंचा लेकिन इसमें जल्द ही रोहित का विकेट भी जुड गया जिन्होंने हेराथ की गेंद पर कवर पर आसान कैच थमाया. उन्होंने अपनी पारी में तीन चौके लगाये.

कोहली ने दूसरे छोर से गेंदबाजों पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की. उन्होंने हेराथ के अगले ओवर में दर्शनीय छक्का जमाया लेकिन बायें हाथ के इस स्पिनर ने अपने चार ओवरों में केवल 23 रन के एवज में एक विकेट लेकर शानदार गेंदबाजी का नमूना पेश किया. दूसरे स्पिनर सेनानायके ने अपने चार ओवर में केवल 22 रन दिये.

कोहली ने 43 गेंदों में अपना आठवां टी20 अर्धशतक पूरा किया. उन्होंने 16वें ओवर में कुलशेखरा की पहली गेंद मिडविकेट के उपर से छह रन के लिये भेजी जिससे भारत का स्कोर 100 रन के पार पहुंचा. अगली दो गेंदों पर चौके पडे. लेकिन दूसरे छोर पर खडे युवराज गेंद बर्बाद कर रहे थे जिससे भारतीय दर्शकों ही नहीं बल्कि डगआउट में भी बैचेनी बढ रही थी. उनके आउट होने के बाद भी स्थिति नहीं बदली.

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