कितना अजीब होता है ‘सत्यमेव जयते’ द्वारा दहेज प्रथा से टूटे घर की कहानी उसी की जुबानी, उस टीवी पर देखना जो आपको दहेज में मिला था. आमिर खान से जहां तक हो रहा है, देश के लोगों को जागरूक कर रहे हैं. काश! आमिर खान देश की अन्य समस्याओं, जैसे- हिंसा-नक्सलवाद-आतंकवाद, जनसंख्या वृद्धि, बहुपत्नी प्रथा, अशिक्षा, बेरोजगारी, अस्पतालों में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को सत्यमेव जयते के अपने मंच से उठाते.
कुछ दिन पहले आप माउंटेन मैन का पत्नी के लिए प्यार देखने गये थे. लेकिन कभी देश में हर रोज लाखों की संख्या में होनेवाली घरेलू हिंसा की वारदातों पर भी प्रकाश डालें. आपने बलात्कार का मुद्दा तो उठाया, लेकिन उन महिलाओं की भी पीड़ा को भी बतायें जो अपने घर के भीतर अपनों की हैवानियत बचपन से ङोलती चली जाती हैं. उम्मीद है आप इस पर ध्यान देंगे.
सुभाष कुमार, ई-मेल से