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ठाकरे का निंदनीय रवैया

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर फिल्म बनानेवाले निर्माताओं को ‘पश्चाताप’ के रूप में पांच करोड़ रुपये सेना के कल्याण कोष में जमा कराना होगा, अन्यथा उनकी फिल्मों का प्रदर्शन नहीं होने दिया जायेगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और फिल्म निर्माता करण जौहर के साथ […]

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर फिल्म बनानेवाले निर्माताओं को ‘पश्चाताप’ के रूप में पांच करोड़ रुपये सेना के कल्याण कोष में जमा कराना होगा, अन्यथा उनकी फिल्मों का प्रदर्शन नहीं होने दिया जायेगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और फिल्म निर्माता करण जौहर के साथ बैठक के बाद ठाकरे ने यह बयान दिया है. राज ठाकरे की राजनीति मुख्य रूप से धमकियों और हिंसा पर आधारित रही है तथा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय संविधान और देश के कानूनों को मानने की शपथ लेकर राजनीतिक दल बनानेवाले इस व्यक्ति को रोक पाने की गंभीर कोशिशें सरकारों द्वारा नहीं की गयी हैं. इस ताजा प्रकरण में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने ठाकरे और जौहर के बीच ‘सुलह’ कराने की जो कवायद की है, उससे ऐसे तत्वों का हौसला ही बढ़ेगा.
राज्य सरकार को अपनी जिम्मेवारी निभाते हुए फिल्मकारों को संरक्षण देना चाहिए, जैसा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया है. इस प्रकरण में भारतीय सेना के नाम पर ऐसी स्तरहीन राजनीति करना और जन भावनाओं का दोहन निंदनीय कृत्य है. सेना के तीनों अंगों से संबद्ध रहे अनेक पूर्व शीर्ष अधिकारियों ने राज ठाकरे के बयान को खारिज करते हुए कहा है कि जबरन वसूले गये पैसे सेना को स्वीकार्य नहीं हैं तथा क्षुद्र स्वार्थों के लिए सेना को बीच में लाना अनुचित है. पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक खींचतान में सैन्य बलों के उल्लेख से परेशान सेना का इस नये प्रकरण से क्षुब्ध होना स्वाभाविक है.
आखिर राज ठाकरे जैसे नेताओं को सेना की ओर से बोलने या किसी लेन-देन के निर्धारण का अधिकार किसने दे दिया है? मुख्यमंत्री फड़नवीस को भी ऐसे तत्वों को प्रोत्साहित करने से परहेज करना चाहिए. सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए स्वीकृत किसी फिल्म को स्वीकार करने या नहीं देखने का अंतिम निर्णय दर्शक ही कर सकते हैं.
ऐसी फिल्मों और दर्शकों के बीच किसी बाधा को आने से रोकने का काम सरकार का है. उम्मीद है कि राज ठाकरे अपने रवैये पर आत्ममंथन कर उसमें सुधार लाने की कोशिश करेंगे और मुख्यमंत्री भी अपना ध्यान संवैधानिक जिम्मेवारियों की ओर केंद्रित करेंगे.

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