सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की कार्यकारिणी के संबंध में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया जाना सराहनीय है.
कोर्ट ने एक व्यक्ति-एक पद की नीति सहित राजनेता-मंत्रियों से बीसीसीआइ को दूर रखने, अधिकतम आयु सीमा 70 करने जैसी कई सिफारिशों पर अपनी मुहर लगा दी है. इससे यह बात दावे के साथ कही जा सकती है कि इसके जरिये खेल और खिलाड़ियों का विकास होगा़ अब तक यही देखा जा रहा है कि बीसीसीआइ पर कॉर्पोरेट कल्चर हावी हो गया है, जहां राजनेताओं और उन लोगों के नेक्सस का राज चलता है जिनका क्रिकेट के खेल से दूर-दूर का नाता नहीं है. इसमें सुप्रीम कोर्ट की दखल सराहनीय है.
यह सब बहुत पहले लागू कर देना चाहिए था, क्योंकि खेल में राजनीति अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को पीस कर रख देती है. सुप्रीम कोर्ट का यह कदम खेल जगत को एक नयी दिशा देनेवाला है और निश्चित तौर पर सही टैलेंट निखर कर सामने आयेगा.
पालूराम हेंब्रम, सालगाझारी