हमारे देश में नक्सल समस्या विकास में बाधक बन चुकी है. नक्सली या माओवादियों के द्वारा रेलवे, स्कूल या सड़कों को निशाना बनाना आम बात है. इससे देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है.
कई सरकारें आयीं और गयीं, लेकिन किसी ने भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया, इस संकट को जड़ से मिटाने का. इस अनदेखी के वजह से आज निर्दोष लोगों को इसका शिकार बनाया जा रहा है. नक्सलवाद का बड़ा नेटवर्क आज झारखंड, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में काम कर रहा है.
और यहां के गरीब मजदूर के साथ-साथ आदिवासियों को अपने चंगुल में फंसाया जा रहा है. यदि समाज से गरीबी, भुखमरी, भेदभाव, अशिक्षा, भ्रष्टाचार आदि को समाप्त किया जाये तो नक्सल समस्या का अंत हो सकता है. सरकार सिर्फ झूठा वादा करके जनता को वहम में नहीं रख कर इस समस्या को लेकर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
मिथिलेश शर्मा, चंदनक्यारी