17.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

राजनीति में मार्केटिंग तकनीक

विनोद चंदोला अंतरराष्ट्रीय व्यापार तथा अर्थशास्त्र विवि, पेइचिंग में अध्ययनरत गुजरात के स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की हार मार्केटिंग की नजर से ‘बाजारोन्मुखी’ दल की हार है. इसने मार्केटिंग में ‘वर्ड ऑफ माउथ’ की वह भूमिका उजागर की, जिसे बिहार और दिल्ली ने महसूस किया था. भारत में विकसित धनी लोकतांत्रिक देशों की तरह […]

विनोद चंदोला
अंतरराष्ट्रीय व्यापार तथा अर्थशास्त्र विवि, पेइचिंग में अध्ययनरत
गुजरात के स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की हार मार्केटिंग की नजर से ‘बाजारोन्मुखी’ दल की हार है. इसने मार्केटिंग में ‘वर्ड ऑफ माउथ’ की वह भूमिका उजागर की, जिसे बिहार और दिल्ली ने महसूस किया था. भारत में विकसित धनी लोकतांत्रिक देशों की तरह व्यापार में प्रचलित ‘मार्केटिंग-तकनीक’ का प्रयोग 2014 के आम चुनाव में शुरू हुआ. राजनीतिक मार्केटिंग दलों को कंपनी और उनकी नीति-विचार को उनका उत्पाद मानती है, उन्हें बाजारोन्मुखी, विक्रयोन्मुखी व उत्पादोन्मुखी समझती है और मतदाता को ग्राहक.
बाजारोन्मुखी दल-संगठन मार्केटिंग-तकनीक से वोटर की जरूरत व मांग का अध्ययन कर उसे संतुष्ट करने योग्य नीति-विचार (उत्पाद) की रचना करने का दावा करते हैं. व्यवसाय में निहित मार्केटिंग के ग्राहक की मांग की तुष्टि करने के सिद्धांत के अनुसार, इन दलों-संगठनों का लक्षित मतदाता की मांग और जरूरत भांप कर अपने उत्पाद के पुनर्निर्माण तक में विश्वास होता है.
विक्रयोन्मुखी दल-संगठन का लक्ष्य ‘उत्पाद’ को वोटर तक ‘बेचने’ का होता है. वे अपने ‘उत्पाद’ में परिवर्तन नहीं करते, चाहते हैं कि ‘ग्राहक’ उनके ‘उत्पाद’ को उसके मूल रूप में स्वीकारें. ऐसे दल-संगठन मार्केटिंग-तकनीक का प्रयोग मतदाता तक बेहतर पहुंच बनाने के लिए करते हैं.
उत्पादोन्मुखी दल अपने ‘उत्पाद’ को सर्वश्रेष्ठ बताने के साथ मानते हैं कि वोटर उसे ही चुनेगा. ये दल ‘ग्राहक’ द्वारा ठुकराये जाने पर भी ‘उत्पाद’ में परिवर्तन नहीं करते और मार्केटिंग-तकनीक का उपयोग साधनों की कमी के कारण बहुत नहीं कर पाते. साधनों की बहुतायत बाजारोन्मुखी होने की जरूरी शर्त है और विक्रयोन्मुखी होने के लिए भी.
मार्केटिंग में मूलतः ग्राहक की समस्या के समाधान का विचार निहित है. बिहार में बाजारोन्मुखी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (राजग) ने मतदाता की समस्या के हल के विकास का वही उत्पाद प्रस्तुत किया, जिसके प्रचार से वह वर्ष 2014 के आम चुनाव में सफल रहा था.
बाजारोन्मुखी होने में सबसे बड़ी समस्या है ‘ग्राहक’ का अपनी मांग पूरी करनेवाले ‘उत्पाद’ का निर्माण एक समयावधि में न होने पर दूसरे ‘उत्पादों’ (समस्या-समाधानों) की खोज में जुट जाना. बाजारोन्मुखी दल ‘कैच ऑल’ में विश्वास रखते हैं (याद कीजिए : सबका साथ, सबका विकास का नारा). वे परिस्थिति विशेष में विक्रयोन्मुखी से बाजारोन्मुखी होने का निर्णय लेते हैं. बाजारोन्मुखी राजग को आम चुनाव के बाद वोटर की मांग के अनुरूप विचार-व्यवहार में परिवर्तन करना चाहिए था. वह ऐसा न कर सका और दिल्ली में विफल रहा. दिल्ली में अपेक्षित प्रभाव न होने पर बिहार तक इसमें परिवर्तन न कर पाना उसकी भारी चूक रही.
राजग का प्रमुख घटक दल भाजपा मूलतः विक्रयोन्मुखी रहा है. याद करें अंतिम क्षणों में घोषणापत्र जारी करना, उसमें विक्रयोन्मुखी होने की अपनी विशिष्टता को अंतिम पृष्ठों पर ले जाना.(चुनावी घोषणापत्र, जैसे किसी व्यावसायिक उत्पाद के लिए ब्रॉशर) भाजपा ने बिहार में अपनी विक्रयोन्मुखी मार्केटिंग को भी आजमाना चाहा था. बाजारोन्मुखी होने के लिए संगठन में नेतृत्व स्तर पर विचार-साम्य जरूरी होता है, उसका अभाव भी शायद गंठबंधन में रहा हो.
बिहार में महागंठबंधन ने विक्रयोन्मुखी मार्केटिंग के जरिये सामाजिक न्याय को ‘उत्पाद’ के रूप में प्रस्तुत किया. अपने एक घटक जनता दल (यूनाइटेड) का बेहतर सेवा प्रदाता के रूप में प्रचार किया. बिहार में भाजपा को महागंठबंधन के प्रचार दल द्वारा ‘बड़का झुट्ठा पार्टी’ नाम दिया जाना अभिनव प्रयोग था.
वहीं राजग का महागंठबंधन के एक घटक को ‘जनता का दमन और उत्पीड़न’ नाम देना, दूसरे को ‘रोजाना जंगलराज का डर’ कहना बहुत प्रभाव छोड़ने में विफल रहा, क्योंकि इसके पीछे प्रतियोगी ब्रांड को अपदस्थ करने लायक अच्छी ‘रिकॉल वैल्यू’ वाली विज्ञापन कॉपी नहीं थी. जनता का इसे याद रखना तो दूर, समझ पाना भी कठिन रहा होगा.
भाजपा को उसकी आनुषंगिक विचार-संस्था ने राममंदिर निर्माण पर वक्तव्य देकर उसके ‘विक्रयोन्मुखी’ होने की याद दिला दी. संभव है, 2017 का उत्तर प्रदेश चुनाव राजग ‘साथ सबका, विकास सबका और न्याय सबका’ के नारे के साथ लड़े, या आगामी आम चुनावों तक पुनः ‘पूर्व प्रतिष्ठित उत्पादों’ के साथ ‘ग्राहकों’ तक पहुंचने की विक्रयोन्मुखी मार्केटिंग-रणनीति पर लौट आये.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel