19 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सचिन को सम्मान पर राजनीति

कांग्रेस ने सचिन तेंडुलकर के संन्यास पर उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा कर चुनावी पारी खेल दी है. सचिन को भारत रत्न देने का यह बिलकुल वाजिब समय नहीं था. अभी भारत रत्न का खिताब मेजर ध्यानचंद को दिया जाना ज्यादा जरूरी था. लेकिन कांग्रेस ने सचिन के संन्यास पर जनता के जज्बात को […]

कांग्रेस ने सचिन तेंडुलकर के संन्यास पर उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा कर चुनावी पारी खेल दी है. सचिन को भारत रत्न देने का यह बिलकुल वाजिब समय नहीं था. अभी भारत रत्न का खिताब मेजर ध्यानचंद को दिया जाना ज्यादा जरूरी था. लेकिन कांग्रेस ने सचिन के संन्यास पर जनता के जज्बात को भुनाने का पासा फेंका है.

सचिन ने बेशक हम भारतीयों को कई अनमोल क्षण दिये हैं. उन्हें बेशक भारत रत्न मिलना चाहिए था, लेकिन यह काम पहले या बाद में भी किया जा सकता था. सचिन जैसे अनमोल नगीने इस देश में और भी हुए हैं, वे भी ऐसे सम्मानों के हकदार हैं. आज तक विवाद यह रहा कि खेल के क्षेत्र में भारत रत्न देना चाहिए या नहीं. अंतत: सरकार ने सचिन को यह सम्मान दिये जाने की घोषणा की. लेकिन क्या खेल के क्षेत्र में केवल सचिन ही इस काबिल थे और कोई नहीं, यह भी काबिले गौर है. मेजर ध्यानचंद ने इस देश का सम्मान खूब बढ़ाया. हॉकी में एक जमाने में भारत की वैसी ही तूती बोलती थी, जैसी आज क्रि केट की. बेशक सचिन भारत रत्न पाने के हकदार हैं, लेकिन मेजर ध्यानचंद का स्थान भी वही होना चाहिए था.

दरअसल, खेल पर भारत सरकार सजग नहीं दिखती है, न ही खेलों को बढ़ावा मिल रहा है. गनीमत है कि ओलिंपिक जैसे खेलों में हमारा कोई खिलाड़ी एकाध पदक जीत लेता है, तब सरकार दसत्नपांच लाख के ईनाम बांटने लगती है. इसमें कोई शक नहीं है कि सचिन भारत रत्न के हकदार हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि इसकी घोषणा का समय गलत था. सरकार लाख कोशिश कर ले, लेकिन देश की जनता को वह यह विश्वास नहीं दिला पायेगी कि यह फैसला राजनीतिक नहीं था.

सत्येंद्र पांडेय, डोरंडा, रांची

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें