प्रकृति के बीच में ही मानव जिंदगी की सच्चाई है. मशहूर वैज्ञानिक न्यूटन ने कहा था कि हमें प्रकृति के साथ दोस्ताना संबंध बना कर प्रगति करनी चाहिए. यह बात सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को समझनी होगी, तभी हम पर्यावरण के प्रति गंभीर हो सकते हैं.
इसके लिए सबसे अधिक जरूरी यह है कि सरकारी व निजी संस्थाएं पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलायें. जिंदगी की पूरी परिकल्पना को प्रकृति और पर्यावरण की उपेक्षा खतरे में डाल सकती है. जिस तरह से आये दिन हम प्राकृतिक संसाधनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, उसकी कीमत सभी को चुकानी पड़ रही है.
बेहतर होगा कि हम समय रहते चेत जायें, और यथासंभव पर्यावरण की रक्षा करें, नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब प्रकृति हमें अपना उग्र रूप दिखायेगी और सब कुछ नष्ट हो जायेगा.
राहुल कुमार, भागलपुर