ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशाशन व शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. विद्यालयों में अध्यापकों से लेकर बच्चो के आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है. मनमाने तरीके से विद्यालय चलाने से बच्चों का भविष्य बिगड़ता जा रहा है.
इतना ही नहीं, विद्यालयों की सफाई व्यवस्था भी चौपट हो गयी है. कई विद्यालयों में सफाई कर्मचारी तो नियुक्त किये गये हैं, लेकिन कोई समय से नहीं आता है. सबसे बड़ी बात यह है कि शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और शिक्षकों की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है, फिर भी शिक्षा विभाग के आला अधिकारी मौन हैं. उन्हें बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में कारगर और सकरात्मक कदम उठानी चािहए, तभी बच्चों भविष्य सुरक्षित और संवर सकेगा.
– गोलू यादव, ई-मेल से