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वोट बैंक के लिए भविष्य से खिलवाड़?

झारखंड की पिछली हेमंत सरकार और वर्तमान की रघुवर सरकार ने पारा शिक्षकों के प्रति जो दया भावना प्रकट की है, इससे प्रदेश के हजारों बीएड टेट पास अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. हेमंत सोरेन ने शिक्षक नियुक्ति के लिए अनिवार्य टेट की परीक्षा में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए सीधे पारा […]

झारखंड की पिछली हेमंत सरकार और वर्तमान की रघुवर सरकार ने पारा शिक्षकों के प्रति जो दया भावना प्रकट की है, इससे प्रदेश के हजारों बीएड टेट पास अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है.
हेमंत सोरेन ने शिक्षक नियुक्ति के लिए अनिवार्य टेट की परीक्षा में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए सीधे पारा शिक्षकों को नियुक्त के उद्देश्य से बीएड पास अन्य छात्रों को परीक्षा से वंचित किया, जबकि राज्य में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों की संख्या नहीं के बराबर है.
झारखंड के पड़ोसी राज्य में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में बीएड पास लोगों को शामिल किया गया. इससे पहले झारखंड में भी ऐसा हुआ था. आज के राजनीतिक समीकरण में पारा शिक्षकों को एक वोट बैंक के रूप में देखा जाता है. इसीलिए नियम बनने से पहले उनका ख्याल रखने की कोशिश होती है.
प्रदीप कुमार तिवारी, सारठ, देवघर

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