स्वच्छ भारत के लिए सबसे पहले तंबाकू और शराब जैसी भयंकर गंदगी को साफ करना होगा. अभी 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया. इससे मालूम हुआ कि दुनिया में हर साल 50 लाख से अधिक लोग सिर्फ तंबाकू का सेवन करने से ही मौत के गाल में समा जाते हैं.
भारत में आठ से नौ लाख लोग इससे होनेवाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हैं. इसके सेवन से अनेक भयंकर और जानलेवा बीमारियां पैदा होती हैं.
यह समझ में नहीं आता है कि जब इतनी संख्या में लोग मौत के शिकार हो रहे हैं और लोगों को बीमारियां हो रही हैं, तो आखिर इस प्रकार के सामानों का उत्पादन होता ही क्यों है? सरकार सख्ती से इन सामानों पर पाबंदी क्यों नहीं लगाती? यह सही है कि इस प्रकार के सामानों से राजस्व की वसूली होती है, लेकिन ऐसा भी धनवसूली से क्या लाभ?
वेद मामूरपुर, नरेला, दिल्ली