हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुजरात की तर्ज पर बाइब्रेंट झारखंड का जो आइडिया पेश किया है, वह सराहनीय है. राज्य में बहुमत वाली स्थिर सरकार बनने के बाद अब उम्मीद की जानी चाहिए कि यहां पर अब विकास की गंगा बहेगी.
मुख्यमंत्री स्वयं इस दिशा में निजी स्तर पर प्रयास भी कर रहे हैं. राज्य के प्रशासनिक ढांचे में भी बदलाव किया जा रहा है.
झारखंड खनिज संपन्न राज्य होने के साथ श्रमिक बहुल भी है. यहां पर नये-नये उद्योग लगेंगे, तो बेरोजगारी और नक्सलवाद की समस्या से भी निजात मिलेगी. राज्य से काम की तलाश में बाहर जाने को मजबूर युवक-युवतियों को अपने घर में ही रोजगार मिलेगा. राज्य का पिछड़ापन दूर करने के लिए सरकार को नये निवेश की जरूररत है. यह निवेश बाइबेंट झारखंड जैसे कार्यक्रमों से ही आयेगी.
प्रमोद राय, रांची